चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. AAP सरकार ने राज्य के निराश अध्यापकों को वेतन वृद्धि का तोहफा दिया है. मान सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 12,700 अध्यापकों को लाभ मिलेगा. वहीं, सरकार के वेतन में वृद्धि के फैसले का अध्यापकों ने दिल खोलकर स्वागत किया है. […]
चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. AAP सरकार ने राज्य के निराश अध्यापकों को वेतन वृद्धि का तोहफा दिया है. मान सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 12,700 अध्यापकों को लाभ मिलेगा. वहीं, सरकार के वेतन में वृद्धि के फैसले का अध्यापकों ने दिल खोलकर स्वागत किया है. इसके साथ ही अध्यापकों के एक समूह ने मुख्यमंत्री भगवंत से मुलाकात कर उन्हें इस ऐतिहासिक फैसले के लिए धन्यवाद किया है.
वेतन वृद्धि के फैसले के बाद अध्यापकों के एक शिष्टमंडल ने चंडीगढ़ में सीएम भगवंत मान से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने वेतन वृद्धि के ऐतिहासिक फ़ैसले के लिए मुख्यमंत्री का तहे-दिल से धन्यवाद किया. अध्यापकों ने इस फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पूर्व की सभी सरकारों ने सिर्फ बयानबाजियों के सिवा उनके हितों की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया. जबकि AAP की भगवंत मान सरकार ने पहले कच्चे अध्यापकों को पक्का किया और अब वेतन में वृद्धि करके बड़ा तोहफ़ा दिया है। अध्यापकों ने कहा कि राज्य सरकार के इस ऐतिहासिक फ़ैसले के लिए सभी अध्यापक मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं.
अध्यापक कुलदीप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सूबे की सरकार के इस बेमिसाल फ़ैसले का फायदा पंजाब के लगभग 12700 अध्यापकों को मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जो वादा किया था, अब उन्होंने वह पूरा कर दिया है. अध्यापक ने कहा कि यह बेमिसाल फैसला पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने में सहायक सिद्ध होगा. हम सभी अध्यापक मान सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत करते हैं. मान सरकार ने हमारे वेतन में वृद्धि कर हमें बड़ा तोहफ़ा दिया है. हम अध्यापकों को पूरा भरोसा है कि यह सरकार आगे भी हमारी सभी मांगों को इसी तरह पूरा करेगी.
एक और अध्यापक मनिंदर राणा ने मान सरकार के फैसले पर कहा कि मैं 2006 से एक अध्यापक के रूप में काम कर रहा हूं. पहले हम सबको महज 10, 000 रुपये महीना वेतन मिलता था. उतने वेतन में हमारा घर चलाना काफी मुश्किल था, लेकिन मान सरकार ने अब वेतन में वृद्धि करके इसे 22, 000 रुपए कर दिया है. अब हम सभी को अपना घर चलाने में काफी सुविधा होगी और हम भी सम्मान के साथ अपनी जि़ंदगी जी सकेंगे. अध्यापक अजमेर सिंह औलख ने कहा कि पहले की सरकारों ने कभी भी हमें हमारा हक नहीं दिया. उल्टा उन्होंने हमारे साथ धोखा किया. लेकिन भगवंत मान सरकार ने सिर्फ 15 महीनों में ही हमारे साथ किया अपना वादा पूरा किया है। हम सभी अध्यापक इस ऐतिहासिक फ़ैसले के लिए मान सरकार का धन्यवाद करते हैं.