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फिर धुएं की फैक्टरी बनेगा दिल्ली-एनसीआर, पंजाब-हरियाणा में पराली जलना शुरू

दिल्ली एनसीआर में अगले कुछ दिनों में धुएं और धुंध से अटा नजर आने वाला है. हरियाणा और पंजाब के किसानों ने धान की पराल जलाना शुरू कर दिया है. केंद्र और राज्य सरकार पराल को खपाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रही है इसके बावजूद वे इसे जलाना बेहतर समझते हैं.

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Delhi Pollution
  • October 5, 2018 12:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. अगले कुछ दिन में उत्तर भारतीय क्षेत्र, खासतौर पर दिल्ली धुंध और धुंए से भरा नजर आएगा. यह धुआं होगा किसानों की वजह से. दरअसल दिल्ली से सटे हरियाणा और पंजाब के किसानों के धान के खेत पककर तैयार हैं और उनकी कटाई चल रही है. किसान अपने खेतों से धान की पराली को जलाएंगे. पराली के जलाए जाने के चलते जल्द ही दिल्ली धुंए से भरी नजर आएगी. किसानों द्वारा यह प्रक्रिया हर साल अपनाई जाती है. धान की पराली जलाए जाने के कारण सर्दी की शुरूआत होते ही दिल्ली धुंध से अटी नजर आती है.

एक निजी चैनल ने अपने रिपोर्टर्स को इस साल किसानों की तैयारी पर जानकारी लेने के लिए भेजा तो वहां से सामने आया कि किसान पराली को जलाएंगे ही. न्यूज चैनल ने रिपोर्ट में लिखा है कि उसने सोनीपत, संगरूर, पटियाला, भटिंडा, मनसा, बरनाला, अंबाला, सोनीपत और रोहतक जिलों में अपने रिपोर्टर किसानों से बात करने के लिए भेजे. किसानों ने रिपोर्टर्स को बताया कि खेतों को खाली करने के लिए वे धान की पराली को जलाने वाले हैं. इन किसानों में ज्यादातर मंझले और छोटे किसान हैं.

पंजाब सरकार पैडी मैनेजमेंट पर काम कर रही है और किसानों के लिए इसे डिस्पोज करने वाली मशीन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है. इसके बावजूद गांवों में लाउड स्पीकर पर घोषणा हो रही है कि ‘किसान दी मजबूरी है, नर्द नूं आग लगानी जरूरी है.’ किसानों का मानना है कि पराली में आग लगाने से कीड़े मर जाते हैं और अगली फसल अच्छी पैदा होती है. इसलिए सरकार की योजनाओं पर लोगों को विश्वास नहीं हो पा रहा है. वे नगदी और मशीन लेने के बजाय इसे जलाने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

धूएं से निजात पाने के लिए केंद्र सरकार दोनों राज्यों में करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इसके बावजूद नतीजा जीरो नजर आ रहा है. पिछले साल केंद्र सरकार ने धान की पराली 5500 रुपये प्रति टन खरीदने का निर्णय लिया था. इसके बावजूद खेतों को खाली करने की जल्दी में किसान पराली को जलाने को प्राथमिकता देते हैं. हरियाणा के कृषि मंत्री ने पिछले साल केंद्र सरकार के इस कदम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का आभार जताया था.

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