चंडीगढ़: पंजाब के फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित कालूवाला गांव के किसान चिमन सिंह की फसल बर्बाद हो चुकी है और हाल में आई बाढ़ के कारण वह अपना घर भी गंवाने की कगार पर पहुंच चुके हैं. अभी तक इस गांव में कई किसानों के घर ध्वस्त हो गए हैं. उनका […]
चंडीगढ़: पंजाब के फिरोजपुर जिले में भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित कालूवाला गांव के किसान चिमन सिंह की फसल बर्बाद हो चुकी है और हाल में आई बाढ़ के कारण वह अपना घर भी गंवाने की कगार पर पहुंच चुके हैं. अभी तक इस गांव में कई किसानों के घर ध्वस्त हो गए हैं. उनका घर भी बर्बाद होने की कगार पर है। वहीं चिमन सिंह का कहना है कि गांव में कई घर ढह गए और कई अन्य आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं आगे बताया कि मैंने ढाई एकड़ से ज़्यादा भूमि पर धान की रोपाई की थी. मेरी पूरी फसल नष्ट हो चुकी है और मेरा घर कभी भी गिर सकता है.
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जब भी सतलुज नदी उफान पर होती है तब उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. इतना ही अनहि गांव के एक अन्य निवासी स्वर्ण सिंह ने भी अपने परिवार के सदस्यों के साथ स्कूल में शरण ली है. वहीं स्वर्ण सिंह ने बताया कि हमें अपने सामान के साथ घर छोड़ना पड़ा. बाढ़ के पानी में काफी सारे जहरीले कीड़े और यहां तक की सांप भी हैं, जिसकी वजह से हमें हर वक्त खतरा रहता है.
हरियाणा और पंजाब के कई जिले हाल की भारी बरसात से आम जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है. बाढ़ से फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, तरनतारन, फरीदकोट, होशियारपुर, कपूरथला, रूपनगर, पटियाला, मोगा, एसएएस नगर (मोहाली), जालंधर, लुधियाना,संगरूर, एसबीएस नगर, गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का और बठिंडा के साथ पंजाब के 19 जिले बाढ़ से प्रभावित थे. राज्य में भारी बरसात और बाढ़ में लगभग 44 लोगों की जान गई, साथ ही 22 लोग घायल हो गए है. बता दें कि बाढ़ से प्रभावित 1,200 से ज्यादा लोग 159 राहत शिविरों में रह रहे हैं.