Punjab: आप विधायक को ईडी ने किया गिरफ्तार, समन जारी करने के बाद भी नहीं थे पेश

नई दिल्लीः पंजाब में आम आदमी पार्टी के एक और विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जण माजरा को अरेस्ट कर लिया है। आप विधायक पर 40 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप है। खबरों के मुताबिक, ईडी ने इस मामले में जसवंत सिंह […]

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Punjab: आप विधायक को ईडी ने किया गिरफ्तार, समन जारी करने के बाद भी नहीं थे पेश

Sachin Kumar

  • November 6, 2023 8:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः पंजाब में आम आदमी पार्टी के एक और विधायक की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जण माजरा को अरेस्ट कर लिया है। आप विधायक पर 40 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप है। खबरों के मुताबिक, ईडी ने इस मामले में जसवंत सिंह को 3-4 बार समन भेजा था लेकिन वह पूछताछ के लिए नहीं आए थे। सोमवार को ईडी ने गज्जण माजरा को हिरासत में लिया, जब वे कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय की टीम उन्हें जालंधर लेकर जा रही है। बता दें कि जसवंत सिंह गज्जण माजरा अमरगढ़ से विधायक हैं।

ईडी ने पहले भी की थी छापेमारी

इससे पहले पिछले साल सितंबर महीने में ईडी ने जसवंत सिंह गज्जण माजरा के घर पर छापेमारी की थी। उनके घर जाच एजेंसी के अधिकारियों ने करीब 14 घंटे तक छापे की कार्रवाई की था। तब माजरा ये बताया था कि ईडी की टीम उनके घर से 32 लाख रुपये कैश और तीन मोबाइल फोन बरामद की है। वहीं सीबीआई ने भी इस मामले में आप विधायक के ठिकाने पर छापेमारी की थी। आप विधायक जसवंत सिंह गज्जण माजरा उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कहा था कि वे विधायक के रूप में मिलने वाली सैलरी का सिर्फ एक रुपया लेंगे। इस संबंध में उन्होंने एक वचन पत्र भी दिया था.

बैंक ने कि थी विधायक के खिलाफ शिकायत

सीबीआई के अनुसार, जसवंत सिंह गज्जण माजरा और तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड समेत अन्य के खिलाफ मामला पंजाब के लुधियाना में बैंक ऑफ इंडिया की एक ब्रांच की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। इस मामले में कई लोगों, वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ-साथ अज्ञात लोक सेवकों को भी नामित किया गया है। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मामले में 2 नवंबर को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए थे। इसके बजाय उन्होंने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने का विकल्प चुना।

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