नई दिल्ली: IAS ऑफिसर पूजा खेड़कर की माँ मनोरमा खेडकर को पुणे पुलिस ने बंदूक लाइसेंस पर सवाल उठाते हुए नोटिस जारी किया है। पुणे शहर में विवादास्पद घटना की बाद मनोरमा खेडकर पर एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसके आधार पर ये नोटिस जारी किया गया है. बता दें, हाल ही में वायरल […]
नई दिल्ली: IAS ऑफिसर पूजा खेड़कर की माँ मनोरमा खेडकर को पुणे पुलिस ने बंदूक लाइसेंस पर सवाल उठाते हुए नोटिस जारी किया है। पुणे शहर में विवादास्पद घटना की बाद मनोरमा खेडकर पर एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसके आधार पर ये नोटिस जारी किया गया है. बता दें, हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में मनोरमा को पुणे जिले के मुलशी तालुका में कथित तौर पर बंदूक लहराते और ग्रामीणों को धमकाते हुए देखा गया था। इसके बाद पुलिस ने कहा कि वीडियो जून 2023 का है.
Manorama Khedkar, mother of the infamous IAS officer Pooja Khedkar, was witnessed arrogantly challenging police personnel and reporters, while also making legal threats, following her attempt to take over land using a gun and private hired bouncers. It appears that the entire… pic.twitter.com/ZkuQnNRfNJ
— Vaibhav Kokat (@ivaibhavk) July 12, 2024
जांच के बाद, ग्रामीण पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 504, 506, 143, 144, 147, 148 और 149 और शस्त्र अधिनियम की धारा 3 (25) के तहत पूजा खेड़कर की माँ मनोरमा खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि साल 2000 में मनोरमा खेडकर को बंदूक का लाइसेंस दिया गया था. लाइसेंस के आधार पर ‘एफ 25 बोर वेबली और स्कॉट पिस्टल’ लेवल कायदे-कानून के अनुसार इस्तेमाल करने की अनुमति है।
मनोरमा खेडकर के वकील रवींद्र सुतार की तरफ से एक बयान जारी करते हुए कहा गया था कि वीडियो में बंदूक का इस्तेलमाल बहस को बढ़ने से रोकने और आत्मरक्षा के लिए किया गया था. इसके साथ ही वकील ने दावा किया कि उनके क्लाइंट के पास बंदूक रखने की सभी वैध अनुमतियाँ हैं। वकील रवींद्र सुतार ने आगे कहा जिस जमीन की बात हो रही है वो मेरे क्लाइंट द्वारा खरीदी गई थी और हमारे पास इसे साबित करने के लिए सभी सबूत मौजूद है. मेरी क्लाइंट 4 जून, 2023 को प्लॉट की सफाई के लिए वहां गई थीं. इस दौरान उन्हें कुछ लोगों काफी परेशान किया जिनके खिलाफ एफआईआर की दर्ज गई है. वहीं जमीन पर कब्ज़ा करने का मुद्दा अदालत में चल रहा है. हमने अपने क्लाइंट की तरफ से सारे दस्तावेज़ अदालत में जमा कर दिए हैं, अब कोर्ट इस पर फैसला करेगा।