Pulwama Terror Attack: जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूख, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शब्बीर शाह के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने यासीन मलिक और सलीम गिलानी समेत सभी 18 हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटा दी है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.
जम्मू. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार घाटी के हुर्रियत नेताओं पर कड़ा रुख इख्तियार कर रही है. बिलाल लोन, हासिम कुरैशी, बिलाल लोन, हासिम कुरैशी जैसे कई प्रमुख अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाने के बाद, अब केंद्र सरकार ने हुर्रियत के सभी 18 नेताओं से सुरक्षा वापल लेने का आदेश दिया है. इन नेताओं में यासीन मलिक और सलीम गिलानी जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इसके साथ ही सरकार ने राज्य के अन्य 155 नेताओं की भी सुरक्षा वापस ले ली है.
गौरतलब है कि बुधवार को इस मामले में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार ने उच्च स्तरीय बैठक की थी. पुलवामा में हुए हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार लगातार जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर सख्ती दिखा रही है. रविवार को भी जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई बड़े अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली थी. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा था कि कोई भी सुरक्षा बल या किसी भी तरह की अन्य चीजें उन्हें मुहैया नहीं कराई जाएंगी.
The government of Jammu & Kashmir has downgraded & withdrawn the security of 18 Hurriyat leaders in the state.
— ANI (@ANI) February 20, 2019
आपको बता दें कि गुरुवार 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले की जिम्मदारी पाकिस्तान की शह पर पलने वाले मौलाना मसूद अजहर के संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली है. इस हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने मास्टरमाइंड को मार गिराया है. वहीं वैश्विक स्तर पर भी भारत ने पाकिस्तान से अपने रिश्ते खत्म कर लिए है. पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी छीन लिया गया है. सरकार ने जिन हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस ली है, ये वही नेता हैं और जो सुविधाएं भारत से ले रहे थे. लेकिन गुणगाण पाकिस्तान का करते हैं.