Pulwama Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की दुनियाभर में निंदा हो रही है. वहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करते हुए उसपर प्रतिबंध लगाए. लेकिन भारत की इस अपील को चीन ने झुठला दिया है और कहा है कि वह मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित नहीं करेगा. अमेरिका, इस्रायल, रूस समेत कई देश पाकिस्तान से अपील कर रहे हैं कि वह इस हमले के मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर कार्रवाई करे.
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना मसूद अजहर का हाथ होने की खबरों के बीच भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी (ग्लोबल टेररिस्ट) घोषित करने की मांग की है. लेकिन भारत की इस कोशिश को पड़ोसी देश चीन ने फिर से झटका दे दिया है. दरअसल, चीन और पाकिस्तान की नजदीकी जगजाहिर है और भारत जब भी पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर घेरने की कोशिश करता है और मसूद अजहर या लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद के कार्रवाई की मांग करते हुए संयुक्त राष्ट्र का रुख करता है, तब-तब चीन भारत के मंसूबों पर पानी फेर देता है. पुलवामा आतंकी हमले की पूरी दुनिया निंदा कर रही है और पाकिस्तान से आतंकियों का समर्थन बंद करने की अपील कर रही है.
पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के हमले में 37 सीआरपीएफ जवानों की जान जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में एक बार फिर गर्मी आ गई है और भारत ने इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को दोषी बताया है. साथ ही पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकियों का समर्थन करना बंद करें. पुलवामा हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करते उसपर आतंकवाद निरोधक प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
भारत ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों का सहयोग मांगते हुए कहा है कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर समेत आतंकियों की लिस्ट के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 सैंक्शंस कमिटी के तहत आतंकी घोषित करने के लिए समर्थन देने की फिर अपील करते हैं. लेकिन शुक्रवार को चीन ने इससे साफ इनकार किया है. उल्लेखनीय है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को यूएन की 1267 कमिटी द्वारा गैरकानूनी करार दिया गया है, लेकिन इसका सरगना मसूद अजहर प्रतिबंध के दायरे से बाहर है.
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी आवश्यक उपाय करने के लिए दृढ़ और प्रतिबद्ध है. साथ ही हम आतंक के खतरे से लड़ने के लिए भी समान रूप से प्रतिबद्ध हैं. मालूम हो कि पुलवामा हमले के बाद एक बार फिर अमेरिका ने पाकिस्तान को घेरा है. अमेरिका ने भारत का समर्थन करते हुए पाकिस्तान को फटकार लगाई है और कहा है कि वह आतंकवादियों को समर्थन देना बंद करे. भारत और चीन के राष्ट्राध्यक्ष की पिछली मुलाकात में मसूद अजहर को लेकर बातचीत की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन भारत-चीन के बीच डोकलाम समेत अन्य मुद्दों को लेकर बातचीत के बीच यह मुद्दा गौण हो गया था.