Pulwama Terror Attack: पुलवामा आतंकी हमले के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने 100 पैरामिलिट्री फोर्सेज की अतिरिक्त कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में एयरलिफ्ट किया है. इसे आतंकवादियों और पाकिस्तान को सबक सिखाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार रात अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने 100 अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्सेज को घाटी में भेजा है. जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसे राज्य में आतंकवाद के खिलाफ बड़े अभियान के तौर पर देखा जा रहा है. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार शाम ‘अर्जेंट’ नोटिस जारी कर पैरामिलिट्री की 100 अतिरिक्त कंपनियों को घाटी में एयरलिफ्ट किया. जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, उससे अटकलें यह भी लग रही हैं कि दोनों देशों के बीच जंग भी छिड़ सकती है. भारत ने एलओसी के पास 27 गांवों को खाली कराने के आदेश दिए हैं. वहीं पाकिस्तान ने भी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सैनिकों के लिए बेड खाली रखें.
पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ता जा रहा है. 14 फरवरी को हुए फिदायीन आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. इसके बाद न सिर्फ घाटी बल्कि भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है. आतंकवादियों और पाकिस्तान को घुटनों पर लाने के लिए भारत सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है.
इस कड़ी में सबसे पहले यासिन मलिक को उनके श्रीनगर स्थित घर से गिरफ्तार किया गया. साथ ही जमात-ए-इस्लामी के सरगना अब्दुल हामिद फैयाज के अलावा दर्जनों अलगाववादियों को रातभर चली रेड के बाद अरेस्ट कर लिया गया. यासिन मलिक की गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में धारा 35ए पर सुनवाई होनी है. इस धारा के तहत भारतीय संविधान में जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार मिले हुए हैं.
वहीं कूटनीतिक कार्रवाई करते हुए भारत ने पाकिस्तान की ओर जाने वाला पूर्वी नदियों का पानी रोकने का फैसला किया है. इसे जम्मू-कश्मीर और पंजाब के किसानों को दिया जाएगा. मोदी सरकार ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन लिया है. साथ ही वहां से आयात होने वाले सामान पर 200 फीसदी ड्यूटी भी लगा दी है. दुनिया के कई देश भारत के समर्थन में खड़े हैं.