नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों(Public Sector Bank Holidays) में काम करने वाले कर्मचारियों को आने वाले दिनों में बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। केंद्र सरकार सभी शनिवार को बैंकों में छुट्टी घोषित करने पर फैसला ले सकती है। बता दें कि देश के सरकारी बैंकों की मैनेजमेंट की बॉडी इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सरकार को बैंकों में सभी शनिवार को छुट्टी घोषित करने का प्रस्ताव सौंप चुकी है। इसकी जानकारी खुद सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पूछे गए सवालों के जवाबों में दी है।
गौरतलब है कि सुमित्रा बाल्मिक(राज्यसभा सांसद ) ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा- क्या सरकार इसे लागू करने जा रही है? या फिर क्या बैंक यूनियनों या आईबीए की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पांच दिनों के कामकाज की मांग को लेकर कोई प्रस्ताव सरकार को दिया गया है? बता दें कि इस प्रश्न के जवाब में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने सदन को अपने लिखित जवाब में कहा- जी हां बिल्कुल, इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सभी शनिवार को बैंकों में छुट्टी घोषित करने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा है।
वहीं इस प्रश्न पर वित्त राज्यमंत्री ने अपने जवाब में ये जानकारी नहीं दी कि सरकार ने इस पर क्या फैसला लिया है लेकिन वित्त राज्यमंत्री ने ये जरुर कहा कि 28 अगस्त 2015 को बैंक यूनियनों और आईबीए के बीच हुए समझौते के तहत हर सप्ताह के दूसरे और चौथे शनिवार को सरकारी बैंको में छुट्टी की घोषणा करने का फैसला लिया गया था।
फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि 2023 दिसंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के वेतन(Public Sector Bank Holidays) में करीब 15 से 20 परसेंट बढ़ सकता हैं और साथ ही बैंकों में 5 दिनों के कामकाज के फैसले पर सरकार अपनी मुहर लगा सकती है। इसके बाद महीने के हर शनिवार को बैंकों में छुट्टी रहेगी। जानकारी के मुतबिक बैंक यूनियनों और आईबीए के बीच वेतन बढ़ोतरी को लेकर 12वें द्विपक्षीय सेंटलमेंट को लेकर चल रही बातचीत अपने आखिरी दौर में है।
बता दें कि सरकारी बैंकों के कर्मचारियों का मौजूदा वेतन एग्रीमेंट एक नवंबर 2022 में ही खत्म हो चुका है और उसके बाद से ही वेतन बढ़ोतरी पर सहमति बनाने के लिए यूनियनों और आईबीए की बीच बातचीत चल रही है। देश में 8.50 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी की खुशखबरी का इंतजार कर रहे हैं और वहीं दूसरे तरफ सरकार लोकसभा चुनाव (2024) से पहले हर हाल में वेतन में बढ़ोतरी पर फैसला कर रही है।
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