नई दिल्ली। बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के द्वारा दिए गए पैंगबर मोहम्मद पर विवादित बयान पर देश की सर्वोच्च अदालत ने पिछले हफ्ते फटकार लगाई थी. जिसते बाद से नुपूर को लेकर विपक्ष ने राजनीतिक बयान बाजी भी की. वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा दी गई टिप्पणी को लेकर देश […]
नई दिल्ली। बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के द्वारा दिए गए पैंगबर मोहम्मद पर विवादित बयान पर देश की सर्वोच्च अदालत ने पिछले हफ्ते फटकार लगाई थी. जिसते बाद से नुपूर को लेकर विपक्ष ने राजनीतिक बयान बाजी भी की. वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट के जज के द्वारा दी गई टिप्पणी को लेकर देश के 117 हस्तियों ने बयान जारी कर पर आपत्ती जाहिर की है. बता दें कि 15 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, 77 सेवानिवृत्त नौकरशाहों और 25 सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के अधिकारियों समेत कुल 117 हस्ताक्षरकर्ता ने बयान जारी कर कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार की रक्षा करने की जगह, याचिका पर संज्ञान लेने से मना कर दिया और याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने और उचित फोरम (उच्च न्यायालय) से संपर्क करने के लिए मजबूर किया, यह जानते हुए कि हाई कोर्ट के पास स्थानांतरित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं होता है. फिर भी ऐसा माननीय SC ने ऐसा किय़ा।
बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा उनके खिलाफ देश भर में दर्ज एफाआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने को लेकर जो याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी उसमें उन्हें कोई राहत तो नहीं मिली अलबत्ता जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जेबी पारदीवाला की टिप्पणियों ने नई बहस को जन्म दे दिया.
जेबी पारदीवाला ने तो देश के मौजूदा माहौल के लिए नुपूर को हो जिम्मेदार ठहरा दिया, यहां तक कह दिया कि उदयपुर में जो सिर कलम करने के लिए घटना हुई है उसके लिए वही जिम्मेदार हैं. नुपूर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने जब कहा कि उन्होंने माफी मांग ली है तो उन्होंने टीवी पर आकर माफी मांगने को कहा. दोनों जजों की बेंच याचिका खारिज कर रही थी लेकिन नुपूर शर्मा के वकील याचिका को तत्काल वापस ले ली. नुपूर शर्मा के वकील दुहाई देते रहे कि इससे उनके मुवक्किल की जान पर खतरा बढ़ जाएगा लेकिन जजों ने उनकी एक नहीं सुनी.
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