नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के शिमला में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन (Protest in Himachal Pradesh) कर रहे हैं. बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की मांग है कि अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारियों की तरह उन्हें भी ओल्ड पेंशन स्कीम दी जाए. इसके साथ ही वो […]
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के शिमला में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन (Protest in Himachal Pradesh) कर रहे हैं. बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की मांग है कि अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारियों की तरह उन्हें भी ओल्ड पेंशन स्कीम दी जाए. इसके साथ ही वो अपने प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा को पद से हटाने की भी मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि हरिकेश उनके बोर्ड की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं.
बिजली बोर्ड के कर्मचारी (Protest in Himachal Pradesh) प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा को पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि बिजली विभाग के अलावा हरिकेश के पास दो अन्य विभागो के भी काम हैं. ऐसे में हरिकेश उनके विभाग पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसके अलावा बिजली बोर्ड के कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की भी मांग कर रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर ज्वाइंट फ्रंट के संयोजक लोकेश ठाकुर ने कहा कि दूसरे सरकारी विभाग के कर्मचारियों की तरह ही उनके विभाग के कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम दी जाए. उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के 52 साल के इतिहास में पहली बार जनवरी में कर्मचारियों का वेतन छह दिन की देरी से आया. उन्होंने बताया कि इस महीने पेंशनर्स को भी अपनी पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ा.
लोकेश ठाकुर ने कहा कि अगर हिमाचल सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो कर्मचारी पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर तब भी मांगे नहीं सुनी गईं, तो कर्माचारी ब्लैक आउट का रास्ता अपनाएंगे. बता दें कि अगर लंबे समय तक बिजली बोर्ड के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, तो राज्य में बिजली की भारी समस्या आ सकती है. घर-घर में बिजली पहुंचाना असंभव हो जाएगा. उद्दोगों के काम भी ठप पड़ जाएंगे.
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