प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए इंडिया के फाउंडर योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों की आय डबल करने का सरकार का वादा जुमला साबित होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार स्वतंत्रता के बाद से केंद्र में आई सबसे अधिक किसान विरोधी सरकार है.
नई दिल्ली. स्वराज इंडिया के फाउंडर योगेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अधिकतम बिक्री मूल्य को लेकर किए गए वादे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया गया 2022 तक किसानों की आमदनी दोगनी करने का वादा भाजपा सरकार का एक और जुमला साबित होगा. योगेंद्र यादव की संस्था द्वारा जारी किए गए एक ‘ग्रीन पेपर’ में आरोप लगाया गया कि असली कृषि जीडीपी और असली कृषि राजस्व का स्तर पिछले चार सालों से जस के तस है. ‘ग्रीन पेपर’ के अनुसार इस बीच 20 में से 7 फसलों के अधिकतम बिक्री मूल्य घोषित हो चुके हैं जो कि नकारात्मक हैं. बाकी फसलों में भी 2 से 8 प्रतिशत की ही बचत है जबकि दस्तावेजों के अनुसार 2022 तक किसानों की आय दुगनी किए जाने के लिए सालाना 11 प्रतिशत ग्रोथ की आवश्यकता है.
दिल्ली के प्रेस क्लब में ‘ग्रीन पेपर’ जारी कर स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि ‘मोदी सरकार स्वतंत्रता के बाद से केंद्र में आई सबसे अधिक किसान विरोधी सरकार है’. उन्होंने कहा कि ‘किसानों ने राजग सरकार के शासन में क्या कुछ झेला है वह साल 2018 के आर्थिक सर्वेक्षण में साफ नजर आ रहा है. सरकारी सर्वेक्षण में ही मोदी सरकार बेनकाब हो गई है.’
दिल्ली के प्रेस क्लब में "ग्रीन पेपर" जारी करते स्वराज इंडिया के योगेन्द्र यादव, जय किसान आंदोलन के अविक साहा और रैयतु स्वराज वेदिका के किरण विस्सा।
आम बजट से पहले लाया गया यह ग्रीन पेपर मौजूदा सरकार की खेती-किसानी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नाकामियों की पोल खोलता दस्तावेज़ है। pic.twitter.com/kNNbxzKxY4
— Swaraj India (@_SwarajIndia) January 30, 2018
यादव ने कहा कि 17 फसलों के अधिकतम बिक्री मूल्य पर होने वाली बचत यूपीए सरकार के दूसरे साल की तुलना में काफी कम है. इससे साफ है कि मोदी जी ने अपने द्वारा किया गया वादा पूरा नहीं किया.
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