Project Pratima: डिजिटल पेमेंट के समय फ्रॉड होने का डर! प्रोजेक्ट प्रतिमा लगाएगा रोक

Project Pratima: नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट के दौरान होने वाले फ्रॉड को खत्म करने के लिए पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रोजेक्ट प्रतिमा को लॉन्च किया है। इसके आने से लोगों को काफी फायदा होने वाला है। उन्हें पेमेंट के दौरान सही और गलत की पहचान करने में आसानी होगी, जिससे फ्रॉड होने का चांस […]

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Project Pratima: डिजिटल पेमेंट के समय फ्रॉड होने का डर!  प्रोजेक्ट प्रतिमा लगाएगा रोक

Vaibhav Mishra

  • December 4, 2022 3:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Project Pratima:

नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट के दौरान होने वाले फ्रॉड को खत्म करने के लिए पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रोजेक्ट प्रतिमा को लॉन्च किया है। इसके आने से लोगों को काफी फायदा होने वाला है। उन्हें पेमेंट के दौरान सही और गलत की पहचान करने में आसानी होगी, जिससे फ्रॉड होने का चांस कम हो हो जाएंगे। पीसीआई के कार्यकारी निदेशक गौरव चोपड़ा ने कहा कि “यह एक ऐसी प्रोजेक्ट है जिसे पीसीआई ने डिजिटल पेमेंट में सबसे आम उपयोग के मामलों में आइकन को एक रूप देने के लिए शुरू करने जा रहा है। इसके पीछे मुख्य कारण लोगों को धोखाधड़ी से बचाना और डिजिटल भुगतान को अपनाने में बढ़ोत्तरी करना है। यही सही आइकन ग्राहकों को भुगतान करने के समय फ्रॉड से बचाएंगे।”

ये है पूरी जानकारी

इस प्रोजेक्ट प्रतिमा का नाम संस्कृत से लिया गया है। प्रतिमा का अर्थ संस्कृत में ‘चिह्न’ होता है। जानकारी के अनुसार अभी के समय में अलग-अलग ऐप अलग-अलग तरह के आइकन का इस्तेमाल करते हैं, जिस से पेमेंट के समय में लोगों को दिक्कत होती है। प्रशासन के इस प्रोजेक्ट के तहत इन्हीं गलतियों को ठीक किया जाएगा। इसके तहत बेसिक पेमेंट एक्शंस और प्रोसेस के लिए एक जैसे दिखने वाले आइकन तैयार किए जाएंगे, जिससे लोगों की परेशानियां कम हो जाएंगी और डिजटल फ्रॉड से भी उनको बचा लिया जाएगा। प्रोजेक्ट को लागू करने वाले मुख्य समूह में FamPay, Setu, Jupiter, Amazon Pay, Safexpay और Paytm के वॉलेंटियर्स डिजाइनर्स भी शामिल हैं।

इसके अलावा कई और बैंकों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल रहेंगे हैं।2016 में नोटबंदी के बाद से डिजिटल पेमेंट के जरिए लेन-देन में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जिसके कारण धोखाधड़ी के मामले भीबढ़गए हैं। हर साल इन धोखाधड़ियों के कारण देश को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, जो कि देश कि अर्थवयवस्था के लिए सही नहीं है । इसी साल कि अगर हम बात करें तो अप्रैल से जून के बीच ही 84,145 यूपीआई धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं , और कई सारे डिजिटल फोर्ड भी हुए है । कई मामलों में कार्रवाई भी हो चुकी है, लेकिन फिर भी इस पर लगाम नहीं लग पाई है। इसलिए प्रशासन ने प्रोजेक्ट प्रतिमा को लाने कि बात कही है।

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