Monsoon Session 2023: हंगामेदार शुरुआत, निधन हुए सदस्यों के सम्मान में दोपहर तक स्थगित दोनों सदनों की कार्यवाही

नई दिल्ली : आज से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है जहां विपक्ष की मांग को सत्र की पूर्वसंध्या पर सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया था. दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए गए अध्यादेश, मणिपुर हिंसा और महंगाई जैसे कई इस मुद्दे हैं जिसपर इस बार भारी हंगामा हो सकता है. बुधवार […]

Advertisement
Monsoon Session 2023:  हंगामेदार शुरुआत, निधन हुए सदस्यों के सम्मान में दोपहर तक स्थगित दोनों सदनों की कार्यवाही

Riya Kumari

  • July 20, 2023 11:28 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली : आज से संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है जहां विपक्ष की मांग को सत्र की पूर्वसंध्या पर सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया था. दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए गए अध्यादेश, मणिपुर हिंसा और महंगाई जैसे कई इस मुद्दे हैं जिसपर इस बार भारी हंगामा हो सकता है. बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आए मणिपुर हिंसा के वीडियो पर ही विपक्ष की निगाहें हैं जिसपर मोदी सरकार से सवाल किए जा सकते हैं.

 

मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद लोकसभा को 2 बजे और राजयसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के स्थगित कर दिया गया है. जहां राज्यसभा को मौजूदा सांसद हरद्वार दुबे के सम्मान में दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. बता दें, हरद्वार दुबे के जून महीने में निधन हो गया था. वहीं लोकसभा की कार्रवाई को भी हाल ही में सदन के सदस्यों के निधन के बाद उन्हें सम्मान देने के लिए दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.

 

दिखेगी नोंकझोंक

मणिपुर हिंसा पर किए गए केंद्र सरकार के इस ऐलान से साफ़ है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोंकझोंक होने वाली है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम समेत तमाम विपक्षी दलों ने सर्वदलीय बैठक में मणिपुर हिंसा पर चर्चा को प्राथमिकता देने की बात कही है. इसके अलावा दिल्ली सरकार के खिलाफ जारी हुए अध्यादेश को लेकर भी विपक्ष में एकजुटता देखी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए मोदी सरकार के अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेर सकती है. बता दें, कई दल पहले ही अध्यादेश को लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बता चुके हैं.

मोदी सरकार की चुनौती

इसके अलावा मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार के सामने भी बड़ी चुनौती होगी जहां संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली अध्यादेश से संबंधित विधेयक को इसी सत्र में पास करवाना जरूरी होगा. आयु आधारित वर्ग में फिल्म सर्टिफिकेशन देने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना, निजी डाटा संरक्षण, वन संरक्षण कानून में संशोधन से संबंधित बिल को भी इस सत्र के दौरान पेश किए जाने की चुनौती है. मानसून सत्र के दौरान सरकार सहकारिता क्षेत्र से संबंधित जन विश्वास संशोधन विधेयक और मल्टी स्टेट कोआपरेटिव सोसाइटीज बिल को भी पास करवाने की कोशिश में है.

 

 

 

Advertisement