चुनाव लड़ने वाली गांधी परिवार दसवीं सदस्य प्रियंका गांधी

Nehru-Gandhi Family Political Journey: नेहरू-गांधी परिवार के एक और सदस्य की चुनावी राजनीति में एंट्री हो गई है. राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने और प्रियंका गांधी के वहां से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही बहस शुरू हो गई है. इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी […]

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चुनाव लड़ने वाली गांधी परिवार दसवीं सदस्य प्रियंका गांधी

Vaibhav Mishra

  • June 19, 2024 4:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

Nehru-Gandhi Family Political Journey: नेहरू-गांधी परिवार के एक और सदस्य की चुनावी राजनीति में एंट्री हो गई है. राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने और प्रियंका गांधी के वहां से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही बहस शुरू हो गई है. इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों पर चुनाव जीता था. नियमानुसार राहुल गांधी एक ही सीट पर सांसद रह सकते हैं लिहाजा उन्होंने रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला किया है. वायनाड सीट पर अब उप -चुनाव होंगे और यहां से प्रियंका गांधी उम्मीदवार होंगी .
आइए जानते है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर प्रियंका गांधी तक किसने कब और कहां से की अपनी चुनावी पारी की शुरुआत की.

1. पंडित जवाहर लाल नेहरू

पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और वह 16 साल तक लगातार भारत के प्रधानमंत्री रहे. वहीं जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू देश की आजादी से पहले कांग्रेस में थे. मोती लाल नेहरू को 1919 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. उसी समय जवाहार लाल नेहरू ने कांग्रेस ज्वाइन किया था .जवाहर लाल नेहरू ने अपनी चुनावी पारी की शुरूआत देश की आजादी के बाद पहले लोकसभा चुनाव के दौरान किया था. नेहरू फूलपुर से 1952 में सांसद चुने गए थे. उसके बाद फूलपुर से ही नेहरू ने 1957 और 1962 का चुनाव जीता था.

2. इंदिरा गांधी

इंदिरा गांधी ने साल 1955 में राजनीति में कदम रखा था. इंदिरा गांधी ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरूआत कांग्रेस की केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य के रूप में की थी . और 1959 में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं थीं. 1964 में जवाहर लाल नेहरू की मौत के बाद इंदिरा गांधी 1964 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं. आपको बता दें कि इंदिरा गांधी ने अपनी चुनावी पारी की शुरुआत 1967 में किया था. 1967 में रायबरेली से उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. और वो रायबरेली से 1977 तक सांसद रहीं. वहीं 1977 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी हार गई थी, उसके बाद 1980 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने कर्नाटक के चिकमगलूर से भारी मतों से चुनाव जीता था और वो देश की 15 साल तक प्रधानमंत्री रहीं.

3. फिरोज गांधी

फिरोज गांधी से 1942 में इंदिरा गांधी ने शादी की थी. फिरोज गांधी 1952 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी .इसके बाद 1957 के लोकसभा में भी जीत हासिल की थी.

4. संजय गांधी

इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत 33 साल की उम्र में की थी .उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव अमेठी से 1977 में लड़ा था . लोकिन इमरजेंसी की वजह से वह अमेठी से चुनाव हार गए थे. उसके बाद 1980 में संजय गांधी एक बार फिर से अमेठी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की . हालांकि उसी साल हवाई दुर्घटना में उनका निधन हो गया था.

5. राजीव गांधी

संजय गांधी के मृत्यु के बाद न चाहते हुए भी राजीव गांधी ने राजनीति में अपना कदम रखा. अमेठी में साल 1981 में हुए उपचुनाव में राजीव गांधी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की और अपनी चुनाव पारी की शुरुआत की. वह इस सीट पर 1984 और 1989 में भी सांसद बने थे. इंदिरा गांधी के हत्या के बाद 1984 में राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने थे

6. सोनिया गांधी

राजीव गांधी ने सोनिया गांधी से 1968 में शादी की थी. सोनिया गांधी इटली की मूल निवासी हैं. सोनिया गांधी को 1983 में भारत की नागरिकता मिली. राजीव गांधी की हत्या के बाद साल 1997 में सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस की सदस्यता ली. इसके बाद 1998 में वो कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं. 1999 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस की पांरपरिक सीट अमेठी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.इसके बाद वो लोकसभा में विपक्ष की नेता भी रहीं. सोनिया गांधी 2004 में रायबरेली से चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की. वो रायबरेली से 2024 तक सांसद रहीं. अभी वर्तमान में वह राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं.

7-मेनका गांधी

मेनका गांधी संजय गांधी की पत्नी हैं . मेनका गांधी ने 1974 में संजय गांधी से लव मैरिज की थी. संजय गांधी की मौत के बाद मेनिका गांधी की सोनिया गांधी नहीं पटी जिसके बाद मेनका को घर से निकाल दिया गया. मेनका ने संजय मंच नाम की अपनी पार्टी बनाई और 1984 में राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से अपनी चुनावी पारी की शुरूआत की थी. यहां से वो चुनाव हार गईं. उसके बाद वो वीपी सिंह की जनता पार्टी में शामिल हो गईं और 1989 में पीलीभीत से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता. वो पीलीभीत से तीन बार सांसद रहीं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मेनिका गांधी बीजेपी के टिकट पर सुल्तानपुर से चुनाव लड़ी थी लेकिन चुनाव हार गईं.

8-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने 2004 में अपनी चुनावी पारी की शुरूआत अमेठी से की थी. वो अमेठी से तीन बार सांसद बने लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में वह बीजेपी की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गये. आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी के अलावा केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़े थे. वो वायनाड से जीत गये लेकिन पारंपरिक सीट अमेठी हाथ से निकल गई. 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़े और दोनों सीटों पर जीत दर्ज की. अब उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दिया है.

9-वरूण गांधी

वरूण गांधी संजय और मेनका गांधी के बेटे है। वरूण गांधी ने साल 2004 में राजनीति पारी की शुरूआत की थी. 2004 में वो बीजेपी में शामिल हुए थे. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से जीत हासिल की थी. इसके बाद वो सुल्तानपुर से भी सांसद चुने गए थे. 2019 का चुनाव वह पीलीभीत से जीते थे लेकिन पार्टी विरोधी रुख के कारण भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में उनका टिकट काट दिया था.

10-प्रियंका गांधी

गांधी परिवार से अब प्रियंका गांधी चुनावी राजनीति में कदम रखने जा रही हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें आधे यूपी का प्रभारी बनाया गया था. बनारस से लेकर रायबरेली तक उनके चुनाव लड़ने की चर्चा रही लेकिन हर बार वह पीछे हट गईं. अब भाई राहुल ने जब वायनाड सीट छोड़ा तो वहां से वह उपचुनाव लड़ रही हैं. बता दें आपको कि प्रियंका गांधी राजनीति में बहुत पहले से सक्रिय हैं वह कांग्रेस पार्टी की महासचिव और कार्यसमिति की सदस्य हैं. इसके साथ ही प्रियंका अपनी मां सोनिया और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में सक्रिय रही हैं. जब सोनिया गांधी रायबरेली और राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते थे, उस दौरान प्रियंका ही परदे के पीछे रहकर दोनों लोकसभा क्षेत्रों में प्रचार का नेतृत्व करती थीं.

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