नई दिल्ली. प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी पहली ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की बैठक में गुरुवार को हिस्सा लिया. हालांकि वो अपने भाई और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दूर बैठीं. इस मीटिंग में प्रियंका गांधी पश्चिम उत्तर प्रदेश के कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बैठीं. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रियंका गांधी को राहुल गांधी से अलग सीट एक अहम कारण से दी गई. ऐसा सभी में ये संदेश पहुंचाने के लिए किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष के रिश्तेदार उतने ही अहम हैं जितने की पार्टी के बाकि महासचिव.
23 जनवरी को प्रियंका गांधी ने आधिकारिक तौर पर राजनीति में एंट्री ले ली है. उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव का पद दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की 80 सीट में से 44 सीटों का काम सौंपा जाएगा. इससे पहले कांग्रेस के मुख्यालय में प्रियंका गांधी को राहुल गांधी के कमरे के बराबर वाला कमरा दिया गया था. हालांकि किसी भी तरह की बातें होने से पहले ही उस कमरे में ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी जगह दे दी गई ताकि कहा जा सके की दोनों महासचिव को एक सी जगह दी गई है.
बता दें कि गुरुवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के लिए प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को कहा था कि आने वाले 2 महीनों में लोकसभा चुनाव में किसी तरह के चमत्कार की उम्मीद ना रखें. उन्होंने दोनों ही महासचिव से कहा है कि राज्य चुनाव पर ज्यादा ध्यान दें.साथ ही कांग्रेस पार्टी में सभी को आदेश दिया गया है कि भाजपा की तरह नहीं बल्कि साफ-सुथरे तरीके से प्रचार करें.
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