Private Hospital Loot in Corona Time: कहीं थर्मल स्क्रीनिंग के बदले 100 रूपये तो कहीं 52 हजार की पीपीई किट, कोरोना काल में जनता को कैसे लूट रहे हैं प्राइवेट अस्पताल?

Private Hospital Loot in Corona Time: एक तरफ देश कोरोना से जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ कुछ अस्पताल इसे कमाने का सुनहरा अवसर मानकर जनता की गाढ़ी कमाई लूटने में लगे हैं. कहीं मरीज से 50 हजार रूपये सिर्फ पीपीई किट के बदले लिया जा रहा है तो कहीं थर्मल स्क्रीनिंग के नाम पर 100 रूपये वसूले जा रहे हैं. दिल्ली के एक अस्पताल ने तो यहां तक कह दिया है कि भर्ती होना है तो चार लाख रूपये एडवांस में जमा करने होंगे. यही नहीं, अस्पताल कह रहा है कि बिल कम से कम 3 लाख का होगा.

Advertisement
Private Hospital Loot in Corona Time: कहीं थर्मल स्क्रीनिंग के बदले 100 रूपये तो कहीं 52 हजार की पीपीई किट, कोरोना काल में जनता को कैसे लूट रहे हैं प्राइवेट अस्पताल?

Aanchal Pandey

  • June 8, 2020 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली: आपने कभी गिद्ध देखा है? एक बड़ा सा पक्षी जो अक्सर मरे हुए जानवरों की लाश को नोच- नोचकर खाता हुआ नजर आ जाता है. गिद्ध का खाना ही यही है, सड़ी-गली हुई लाश जिससे वो अपना पेट भरता है. चलो ये तो गिद्ध की नियती है क्योंकि प्रकृति ने उसे यही खाना दिया है ताकि उसका भी पेट भर सके और मरे जानवरों की गंध और बैक्टीरिया से आसपास कोई प्रभावित ना हो. लेकिन एक गिद्ध इंसानी शक्ल में भी होता है जो बस इस इंतजार में बैठा होता है कि आदमी बीमार पड़े और वो उसके जीवनभर की गाढ़ी कमाई को एक मिनट में चट्ट कर जाए. इंसानी शक्ल में दिखने वाले ये गिद्ध दरअसल प्राइवेट अस्पताल के मैनेजमेंट में पाए जाते हैं जिनके लिए मरीज सिर्फ और सिर्फ वो जरिए है जिसे वो नोच-नोचकर खा लेना चाहते हैं.

पूरी दुनिया इन दिनों कोरोना महामारी से जूझ रही है. डॉक्टरी पेशे से जुड़े लोगों को कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है जो अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जान बचा रहे हैं. कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इस दौरान अपनी जान भी गंवा चुके हैं. उनके प्रति हमारे दिल में अपार श्रद्धा है. उनका कर्ज शायद हम और आप जीवन भर चुका भी नहीं सकेंगे लेकिन इसी दौर में सफेद कोर्ट पहने कुछ ऐसे भी गिद्ध हैं जो लोगों की गाढ़ी कमाई को चूस लेना चाहते हैं.

कई प्राइवेट अस्पताल कोरोना के इलाज के नाम पर लोगों से लाखों रूपये मांग रहे हैं. सोशल मीडिया ऐसी खबरों से भरा हुआ है जहां प्राइवेट अस्पताल की मनमानी देखने को मिल रही है. दिल्ली का सरोज अस्पताल कह रहा है कि अगर आपको इलाज करवाना है तो पहले चार लाख रूपये काउंटर पर जमा करो. कम से कम बिल 3 लाख का तो होगा ही.

दिल्ली में एक और तीरथ राम शाह चेरिटेबल अस्पताल हैं जहां टाइफाइड की वजह से चार दिन अस्पताल में रहने वाले मरीज के हाथ में एक लाख रूपये का बिल थमा दिया जाता है. बिल की डीटेल कहती है कि उसमें से 52 हजार रूपये सिर्फ कोविड पीपीई किट और मास्क का है. अब जरा सोचिए कि जो डॉक्टर किट और मॉस्क पहनकर इलाज कर रहे हैं उनके एक दिन की किट पर कितना खर्च होता होगा? चलो मान लेते हैं वार्ड में कम से कम 5 लोग हैं और हर मरीज से 50 हजार रूपये मास्क और किट के नाम पर लिए जाते हैं तो कितना पैसा होता है?

https://twitter.com/callkundan/status/1269931036298940417

अब दूसरी कहानी झारखंड के शहर रांची की जहां ऑर्किड हॉस्पिटल में कोरोना के नाम पर अस्पताल प्रशासन ने लूट मचा रखी है. अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने की फीस तो अलग है, पहले आपको अस्पताल में घुसने के लिए फीस देनी होगी. ये फीस है थर्मल स्क्रीनिंग का जिसे लेजर से दिमाग पर मारकर शरीर का तापमान जांचा जाता है. अब आप ही बताएं, ऐसे अस्पतालों को गिद्ध ना कहें तो क्या कहें जो कोरोना काल में भी गरीबों का खून चूस रही है.

LG Anil Baijal overrules AAP Order: राज्यपाल ने पलटा दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली वालों के इलाज का फैसला, आप और केंद्र सरकार के बीच फिर हो सकती है तकरार

Delhi Corona Hospital Loot: दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में कोरोना के इलाज के नाम पर लूट, भर्ती होने से पहले देने होंगे चार लाख

Tags

Advertisement