रिश्वतखोरों से तंग आकर प्रधानाध्यापक ने स्कूल में की आत्महत्या, ब्लैक बोर्ड पर लिखा सुसाइड नोट

ललितपुर जिले में रिश्वतखोरी और उत्पीड़न से परेशान प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने ग्राम प्रधान सहित मिड डे मील के अधिकारी व अन्य लोगों को भ्रष्ट बताया है. उन्होंने ब्लैक बोर्ड पर लिखे सुसाइड नोट में लिखा है कि एमडीएम का जिम्मेदार अधिकारी महाभ्रष्ट है. 7 अगस्त 2016 को 1000 ले गया था तथा 26 दिसंबर 2016 को पुन: एक युवक के साथ आया और रुपया न देने पर गलत रिपोर्टिग करके वेतन रोकवा दिया. एसएमसी के जिम्मेदार प्रधान के कहने पर चलता है.

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रिश्वतखोरों से तंग आकर प्रधानाध्यापक ने स्कूल में की आत्महत्या, ब्लैक बोर्ड पर लिखा सुसाइड नोट

Aanchal Pandey

  • April 3, 2018 10:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ललितपुर जिले में रिश्वतखोरी और उत्पीड़न से परेशान प्राथमिक विद्यालय के एक बुजुर्ग प्रधानाध्यापक ने शनिवार को स्कूल में ही आत्महत्या कर ली. प्रधानाध्यापक एक दिन बाद ही सेवानिवृत होने वाले थे लेकिन इससे पहले ही जान दे दी. प्रधानाध्यापक ने आत्महत्या से पहले ब्लैक बोर्ड पर सुसाइड नोट भी लिखा है.

रविवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. ओ.पी. सिंह ने बताया कि सिरसखेड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश पटेरिया ने विद्यालय के ब्लैक बोर्ड में मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखकर कक्ष के अंदर ही आग लगा ली. उन्हें गंभीर अवस्था में झांसी रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. वे एक दिन बाद ही रिटायर होने वाले थे. वे मूलरूप से सेमरखेड़ा गांव के निवासी थे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानाध्यापक ने ब्लैकबोर्ड पर लिखे सुसाइड नोट में ग्राम प्रधान मोहन सिंह, अपने एक सहकर्मी और मिड डे मील के प्रभारी कपिल दुबे पर रिश्वत मांगने और न देने पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं. इस मामले की जांच सीओ और संबंधित थानाध्यक्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.

ग्रामीणों के मुताबिक, आत्मदाह करने वाले बुजुर्ग अध्यापक ने सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री से मिड डे मील कार्य से शिक्षकों को मुक्त करने, भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के अलावा पदावनति किए गए शिक्षक व शिक्षिकाओं के बारे भी लिखा है. उन्होंने लिखा है कि मेरी मृत्यु के लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार माना जाए, जो सिर्फ हराम के रुपया चाहता है. मेरा बहुत सा धन मिड डे मील खाते में पड़ा है. एमडीएम का जिम्मेदार अधिकारी महाभ्रष्ट है.

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