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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंजामिन नेतन्याहू को दी शुभकामनाएं, कहा-रोश हशनाह मुबारक हो

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और वहां के लोगों के साथ-साथ दुनियाभर के यहूदियों को रोश हशनाह की शुभकामनाएं दीं। रोश हशनाह यहूदियों का नववर्ष है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मेरे मित्र पीएम नेतन्याहू, इजरायल के लोगों और दुनियाभर […]

Prime Minister Narendra Modi and Israeli PM Benjamin Netanyahu
inkhbar News
  • October 2, 2024 5:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और वहां के लोगों के साथ-साथ दुनियाभर के यहूदियों को रोश हशनाह की शुभकामनाएं दीं। रोश हशनाह यहूदियों का नववर्ष है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मेरे मित्र पीएम नेतन्याहू, इजरायल के लोगों और दुनियाभर के यहूदी समुदाय को रोश हशनाह की हार्दिक शुभकामनाएं। नया साल सभी के जीवन में शांति, उम्मीद और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए। इसके साथ ही पीएम ने नए साल के लिए हिब्रू भाषा में शाना तोवा भी लिखा।

 

 

इतना ही नहीं पीएम मोदी ने पहले यह पोस्ट अंग्रेजी में की और फिर हिब्रू भाषा में लिखकर यहूदी समुदाय को शुभकामनाएं दीं। हिब्रू भाषा यहूदी समुदाय की पुरानी भाषा रही है। हिब्रू भाषा इजरायल के राज्यों और यहूदी समुदाय में करीब 1200 से 586 ईस्वी के दौरान बोली जाने वाली भाषा के रूप में विकसित हुई।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभकामनाएं दीं

पीएम मोदी के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी एक्स पर पोस्ट कर इजरायल और यहूदी समुदाय को रोश हशनाह के मौके पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा कि भारत सरकार और भारत के लोगों की ओर से आपको और इजरायल तथा दुनिया भर में रहने वाले पूरे यहूदी समुदाय को रोश हशनाह की हार्दिक शुभकामनाएं।

यहूदी समुदाय हिब्रू कैलेंडर का पालन करता है

यहूदी हिब्रू कैलेंडर का पालन करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे हिंदू विक्रम संवत कैलेंडर का पालन करते हैं। हिब्रू कैलेंडर के अनुसार ये लोग रोश हशनाह को नए साल के रूप में मनाते हैं। यहूदी इसे दस दिनों तक मनाते हैं। आखिरी दिन को योम किप्पुर कहते हैं। इन दिनों में ये लोग अपनी कुछ बुरी आदतें छोड़कर नई और अच्छी आदतों के साथ अपना जीवन शुरू करते हैं। यह यहूदियों की कोई पुरानी प्रथा नहीं है, बल्कि वे रोश हशनाह को सबसे पवित्र दिनों में से एक मानते हैं।

 

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