देश-प्रदेश

Kargil War Vijay Diwas: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल युद्ध के वीरों को दी श्रद्धांजलि, किया ट्वीट

नई दिल्ली: भारत की किताब में जीत के उस सुनहरे पन्ने को आज पूरे 24 साल हो गए हैं जो कई भारतीय जवानों के बलिदान की सियाही से लिखे गए हैं. सुनहरे अक्षरों में लिखे गए करगील विजय दिवस को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. भारतीय इतिहास का वो पन्ना है जहां भारत ने पाकिस्तान को उसकी औकात याद दिला दी थी. इसी युद्ध की बदौलत कश्मीर पर कब्ज़ा करने का पाकिस्तान का सपना आज तक सपना ही है.

हृदय से नमन और वंदन करता हूं- PM मोदी

हालांकि इस युद्ध में कई वीर शहीद हुए जिनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इसी क्रम में आज करगिल युद्ध दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिदान देने वाले वीरों को याद किया है और श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे। इस विशेष दिवस पर मैं उनका हृदय से नमन और वंदन करता हूं। जय हिंद!’

 

नंगे पैर लड़ी थी कारगिल की जंग

16 हजार फीट की ऊंचाई… माइनस 10 डिग्री पर पारा… जब बात द्रास पर चढ़ने की आई तो सभी जवानों के हाथ-पैर फूलने लगे. लेकिन चोटी पर कब्जा करने आए पाकिस्तानियों को भगाना था इस बीच भारतीय सेना का जो अफसर सबसे आगे खड़ा था वो नींबू साहब थे. जब उन्होंने चढ़ाई करनी शुरू कि तो उनके जूते कमजोर पड़ने लगे और फिसलने लगे. लेकिन उनका हौसला कहां रुकने वाला था. दिल में भारतीय जुनून लिए उन्होंने जूतों को त्याग दिया और इतनी ठंड में बिना जूतों के ही खतरनाक चढ़ाई की. फ्रॉस्ट बाइट से उनकी जान भी जा सकती थी लेकिन बिना इसकी परवाह किए उन्होंने मोजे भी उतार दिए और नंगे पैर ही चट्टानों पर चढ़ पड़े.

उनके हौसले को देख कर धीरे-धीरे बाकी के साथियों ने भी ऊपर चढ़ना शुरू किया. बाद में नींबू साहब ने रॉकेट लांचर से फायर कर एक के बाद एक सात पाकिस्तानी बंकरों को तबाह कर दिया। अफ़सोस जवाबी फायरिंग में नींबू साहब को गोली लगी. लेकिन तब भी उनका हौसला डगमगाया नहीं और वह दुश्मनों से लड़ते रहे. आखिरकार नींबू साहब के साथियों ने पोस्ट पर अपना कब्ज़ा जमाया लेकिन भारत ने अपने हीरो को खो दिया. नींबू साहब जा चुके थे और उनके साथियों की आँखें नम रह गईं.

 

पहले ही हुआ था जीत का ऐलान

भारत के रक्षा मंत्रालय की कमान उस समय जार्ज फ़र्नांडिस के हाथों में थी और टाइगर हिल अब भी भारत के हाथ से बाहर था. उस पर पाकिस्तानी घुसपैठिए कब्ज़ा जमाए बैठे थे. लेफ़्टिनेंट बलवान सिंह और कैप्टन सचिन निंबाल्कर भारत के वो जांबाज अफसर थे जो टाइगर हिल फतह करने से बस 50 मीटर नीचे थे. ब्रिगेड मुख्यालय तक ‘दे आर शॉर्ट ऑफ़ द टॉप.’ का संदेश भेजा गया जिसका अर्थ ‘टाइगर हिल की चोटी अब बस कुछ ही दूर है’ था. लेकिन श्रीनगर से दिल्ली तक आते-आते इस संदेश की भाषा बिलकुल बदल गई. ‘दे आर ऑन द टाइगर टॉप’ संदेश पहुंचा जिसके बाद टाइगर हिल पर भारत के कब्जे का ऐलान कर दिया गया. हालांकि बाद में भारत ने फतह हासिल कर ली लेकिन ये ख़ुशी जीत से पहले ही मनाई गई थी.

Riya Kumari

Recent Posts

भारतीय डाक ने निकाली 17 पदों पर भर्ती, ऐसे करें अप्लाई

भारतीय डाक में नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए बड़ी गुड न्यूज़…

1 minute ago

आग से खेलना छोड़ दो अमेरिका वरना…. ताईवान की मदद से भड़का चीन, बड़े संघर्ष की आहट

अमेरिका ने ताइवान को 57 करोड़ डॉलर की सैन्य सहयोग देने की घोषणा कर दी…

2 minutes ago

एलन मस्क ने बढ़ाए सोशल मीडिया प्लेटफार्म X के प्रीमियम चार्ज, यूजर्स हुए हैरान

एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के प्रीमियम प्लान्स की कीमतों में इजाफा कर…

8 minutes ago

कृपा मेरी लाडली को ढूंढों…एक महीने से लापता बेटी को लेकर पिता का छलका दर्द, अफसर भी हुए हैरान

उत्तर प्रदेश के बांदा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां…

13 minutes ago

Vastu Tips: घर में कामधेनु गाय की मूर्ति रखने से मिलेंगे कई लाभ, जीवन के सभी कष्ट होंगे दूर

कामधेनु गाय, जिसे इच्छापूर्ति गाय के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और…

41 minutes ago

नए साल से पहले यूजर्स को मिला झटका, इस स्मार्टफोन में नहीं चेलगा WhatsApp

मेटा के ओनरशिप वाली इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने अगले साल की शुरुआत से पहले…

42 minutes ago