मुंबई। एकनाथ शिंदे की बगावत करने के बाद से ही उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिंदे के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उद्धव के सामने बड़ी चुनौती हैं. अब शिवसेना के लोकसभा सदस्य शेवाले ने मंगलवार को पार्टी […]
मुंबई। एकनाथ शिंदे की बगावत करने के बाद से ही उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिंदे के बाद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उद्धव के सामने बड़ी चुनौती हैं. अब शिवसेना के लोकसभा सदस्य शेवाले ने मंगलवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से अपील की कि वह अपने सांसदो को राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करने का आदेश दें. ठाकरे को लिखे गए पत्र में दक्षिण मध्य मुंबई के सासंद शेवाले ने कहा कि राजनीति में आने से पहले मुर्मू शिक्षिका थीं और बाद में वह ओडिशा की मंत्री बनीं और उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के तौर पर भी अपनी सेवा दी.
शेवाले ने पत्र लिखकर ठाकरे से कहा कि, ‘‘उनकी (आदिवासी) पृष्ठभूमि और सामाजिक क्षेत्र में योगदान पर विचार करते हुए मैं आपसे आग्रह करता हूं कि मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा करें और उसी के अनुरूप सभी शिवसेना सांसदों को ऐसा करने का निर्देश दें.’’
बता दें कि शेवाले ने चिन्हित करते हुए शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने वर्ष 2007 में राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया था बल्कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)की प्रत्याशी और महाराष्ट्र निवासी प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था. शेवाले ने आगे कहा कि इसी प्रकार शिवसेना ने वर्ष 2012 में यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया जबकि वह कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा नहीं थी.
दरअसल, शेवाले के पत्र से एक बार फिर यह सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या विधायकों की तरह ही अब सांसद भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने वाले हैं. शेवाले ने यह पत्र ऐसे समय में लिखा है जब सीएम एकनाथ शिंदे गुट की नजर शिवसेना के सांसदों पर टिकी हुई है. मीडिया के मुताबिक शिवसेना के 18 में से 11 सांसद एकनाथ शिंदे का साथ दे सकते हैं.
शिवसेना के लोकसभा में 18 और राज्यसभा में तीन सदस्य हैं. मुर्मू को समर्थन देने के मुद्दे पर शिवसेना के बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर पहले ही कह चुके हैं कि राज्य के विधायकों और सांसदों को एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में एकजुट होने की जरूरत है.
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