73rd Republic Day: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा अधिकार और कर्तव्य सिक्के के 2 पहलू, मजबूती से खड़ा है हमारा गणतंत्र

73rd Republic Day नई दिल्ली . 73rd Republic Day राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत को 73वे गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले संबोधित किया हैं. उन्होंने कहा कि ”73वे गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश और विदेश में रहने वाले सभी भारतीय लोगों को मेरी हार्दिक बधाई! यह उत्सव हम सभी लोगों को एक […]

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73rd Republic Day: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा अधिकार और कर्तव्य सिक्के के 2 पहलू, मजबूती से खड़ा है हमारा गणतंत्र

Girish Chandra

  • January 25, 2022 8:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

73rd Republic Day

नई दिल्ली . 73rd Republic Day राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत को 73वे गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले संबोधित किया हैं. उन्होंने कहा कि

”73वे गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश और विदेश में रहने वाले सभी भारतीय लोगों को मेरी हार्दिक बधाई! यह उत्सव हम सभी लोगों को एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता का गौरव है. वर्ष 1950 में आज ही के दिन हम सब की इस गौरवशाली पहचान को औपचारिक स्वरूप प्राप्त हुआ था. ”

उन्होंने आगे कहा कि ” हर वर्ष हम गणतंत्र दिवस के दिन अपने गतिशील लोकतंत्र तथा राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव मनाते हैं। कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष के उत्सव में धूम-धाम भले ही कुछ कम हो परंतु हमारी भावना हमेशा की तरह सशक्त है.” उन्होंने कहा, ” अधिकार और कर्तव्य सिक्के के दो पहलू हैं. हमारा गणतंत्र इसपर मजबूती के साथ खड़ा है.

बता दें इस बार गणतंत्र दिवस पर कोई भी विदेशीय मेहमान शिरकत नहीं कर रहा है और इसके पीछे की वजह विष्वभर में चल रही कोरोना महामारी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि

”मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है। यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं.” पिछले वर्ष ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. उन युवा विजेताओं का आत्मविश्वास आज लाखों देशवासियों को प्रेरित कर रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, ”हाल के महीनों में, हमारे देशवासियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धता और कर्मठता से राष्ट्र और समाज को मजबूती प्रदान करने वाले अनेक उल्लेखनीय उदाहरण मुझे देखने को मिले हैं. उनमें से मैं केवल दो उदाहरणों का पर रौशनी डालूंगा।

इसमें भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की समर्पित टीमों ने स्वदेशी और अति-आधुनिक विमानवाहक पोत

‘आई.ए.सी.-विक्रांत’ का निर्माण किया है जिसे नौसेना में शामिल किया जाना है. ऐसी आधुनिक सैन्य क्षमताओं के बल पर, अब भारत की गणना विश्व के प्रमुख नौसेना-शक्ति-सम्पन्न देशों में की जाती है. ऐसे उदहारण देख कर लगता है कि भारत भी अब उभर रहा है. मुझे विश्वास है कि इस उदाहरण से प्रेरणा लेकर अन्य सक्षम देशवासी भी अपने-अपने गांव एवं नगर के विकास के लिए योगदान देंगे.”

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