Election Commission on Namo TV: चुनाव आयोग ने नमो टीवी पर वोटिंग से 48 घंटे पहले से ही किसी भी तरह के प्री रिकॉर्डेड कंटेंट के प्रसारण पर रोक लगा दी है. हालांकि, आयोग ने चैनल पर होने वाले लाइव प्रसारण को नहीं रोका है.
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण से ठीक पहले चुनाव आयोग ने भाजपा के कथित चैनल नमो टीवी पर सख्ती दिखाई है. चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान के 48 घंटे पहले से ही चुनाव प्रचार से संबंधित प्री रिकॉर्डेड प्रोगराम को नमो टीवी पर प्रसारित नहीं किया जाएगा. हालांकि चुनाव आयोग ने लाइव टीवी पर कोई रोक नहीं लगाई है. इस बाबत आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखा है.
सभी न्यूज और विज्ञापन चैनल्स की तरह नमो टीवी पर भी ये नियम लागू होगा. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भी इसके दायरे में होंगे. नमो टीवी पर बीजेपी के प्रचार प्रसारण की शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई की है. हाल ही में चुनाव आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक पर रोक लगाई थी.
Live coverage can be done on Namo TV but any pre-recorded content cannot be streamed for 48 hours before the polling date. State Chief Election Commissioners (CEC) have been informed to observe this strictly pic.twitter.com/MRzZ2tI2S5
— ANI (@ANI) April 17, 2019
हाल ही में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भाजपा को नोटिस जारी करते हुए नमो चैनल से सभी गैर-प्रमाणित कंटेंट हटाने के लिए कहा. इस बाबत चुनाव अधिकारी ने अनुपालन रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजकर कहा कि नमो टीवी पर चलने वाले कंटेंट पर निगरानी के लिए एक टीम का गठन किया गया है. भाजपा ने नमो टीवी को लेकर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास जवाब दाखिल करते हुए भरोसा दिया कि इस चैनल के जरिए गैर-प्रमाणित कंटेंट नहीं दिखाया जाएगा.
कुछ समय पहले ही दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नमो टीवी के “लोगो” को हरी झंडी देकर चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी थी. रिपोर्ट में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने जवाब में कहा था कि नमो टीवी का लोगो नमो एप्प का हिस्सा है.
वहीं नमो टीवी पर चलने वाले कंटेंट को मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्टीफाई नहीं किया. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नमो टीवी पर जो कंटेंट एप्रूव होने आए थे वो महज पुराने भाषण थे ऐसे में उनके लिए चुनवा आयोग की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि भाषण पहले ही ऑन एयर हो चुके है इस लिए इसमें मंजूरी की जरूरत नहीं.