प्रायगराज: BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में बड़ा मोड़ आ गया है. अब इस हत्याकांड के इकलौते और मुख्य गवाह उमेश पाल पर बम और गोली से हमला कर उनकी ह्त्या कर दी गई है. साल 2004 के इस मामले ने शुक्रवार(24 फरवरी) को बड़ा मोड़ ले लिया है. इस दौरान सुरक्षा में […]
प्रायगराज: BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में बड़ा मोड़ आ गया है. अब इस हत्याकांड के इकलौते और मुख्य गवाह उमेश पाल पर बम और गोली से हमला कर उनकी ह्त्या कर दी गई है. साल 2004 के इस मामले ने शुक्रवार(24 फरवरी) को बड़ा मोड़ ले लिया है. इस दौरान सुरक्षा में तैनात दो गनर पर भी हमला हुआ है जिसमें से एक की मौत हो गई है. सुरक्षाकर्मियों पर यह हमला प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में हुआ है जिसका सीसीटीवी भी सामने आया है.
बता दें, इस हमले को लेकर बाहुबली अतीक अहमद पर आरोप लगाया गया है. फिलहाल आस-पास के सीसीटीवी खंगालने के प्रयास किए जा रहे हैं और हमलावरों की तलाश की जा रही है. आइए आपको बता देते हैं क्या है आरोपी अतीक अहमद हमले के शिकार हुए और जान गवाने वाले उमेश पाल और बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल के बीच का कनेक्शन जिनके हत्याकांड में उमेश पाल मुख्य गवाह थे.
करीब दो दशक पुराना है मामला
बता दें, उत्तर प्रदेश में 2004 के आम चुनाव के समय फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हुई थी जिसपर उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया. लेकिन बसपा ने अतीक के सामने राजू पाल को खड़ा किया था. उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल की जीत हुई थी. लेकिन जीत दर्ज़ करने के कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हो गई थी. इसके अलावा दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस पूरे हत्याकांड में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.
वहीं बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच रिश्ते भी कुछ मधुर नहीं रहे हैं. दोनों के बीच 17 साल पुरानी दुश्मनी आज भी बरकरार है. ऐसे में जब उमेश राजू पाल हत्याकांड में गवाह बने तो अतीक ने पहले उनका अपहरण भी करवा लिया गया. अतीक गिरोह के खिलाफ उमेश अब तक पांच FIR करा चुके हैं. गौरतलब है कि पूर्व विधायक के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल इस पूरे मामले के इकलौते गवाह थे.
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