उमेश पाल हत्याकांड: आरोपियों पर एक्शन जारी… कौन है बमबाज ‘आशिक’ गुड्डू मुस्लिम जिसपर चला बुलडोजर?

प्रयागराज: प्रयागराज शूटआउट में शासन और प्रशासन दोनों ही एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं. जहां लगातार आरोपी माफिया अतीक अहमद और मामले में शामिल आरोपियों पर बुलडोज़र की कार्रवाई देखने को मिल रही है. उमेश पाल हत्याकांड में 12 लोग गोलियां बरसा रहे थे. इस दौरान 13वां शख्स कुछ ऐसे बम बरसा रहा […]

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उमेश पाल हत्याकांड: आरोपियों पर एक्शन जारी… कौन है बमबाज ‘आशिक’ गुड्डू मुस्लिम जिसपर चला बुलडोजर?

Riya Kumari

  • March 3, 2023 4:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

प्रयागराज: प्रयागराज शूटआउट में शासन और प्रशासन दोनों ही एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं. जहां लगातार आरोपी माफिया अतीक अहमद और मामले में शामिल आरोपियों पर बुलडोज़र की कार्रवाई देखने को मिल रही है. उमेश पाल हत्याकांड में 12 लोग गोलियां बरसा रहे थे. इस दौरान 13वां शख्स कुछ ऐसे बम बरसा रहा था जैसे सब कुछ धुंआ-धुंआ कर देगा. इस पूरे शूटआउट का सीसीटीवी भी सामने आया है जिसमें बमबाजी करने वाले इस शख्स की पहचान गुड्डू अहमद के तौर पर हुई. योगी सरकार ने अब गुड्डू अहमद को भी रडार पर ले लिया है जो बम बाँधने में तो उस्ताद है ही साथ ही उसकी आशिकी की भी खूब चर्चा हो रही है. आइए जानते हैं कौन है अतीक अहमद का करीबी और उमेश पाल हत्याकांड मिनी बमबाजी करने वाला गुड्डू अहमद.

बमबाजी के लिए मशहूर है गुड्डू मुस्लिम

गुड्डू अहमद ने उमेश पाल हत्याकांड में खूब बम बरसाए. बताया जा रहा है कि हत्या के बाद भी वह अपनी प्रेमिका से मिलने गया था जो कई बच्चों की माँ भी है. शुक्रवार को इसी गुड्डू मुस्लिम का घर बुलडोज़र से जमींदोज किया जा रहा है. बता दें, पुलिस ने इस मामले में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को मुख्य आरोपी बनाया है. इसके बाद इस हत्याकांड में सबसे अधिक चर्चा गुड्डू मुस्लिम की हो रही है. उसकी खतरनाक बमबाजी इस समय चर्चा में बनी हुई है. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर ही गुड्डू का बम फेंकते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. उसका ये कारनामा अपराध की दुनिया में भी चर्चा में है.

बचपन से है अपराध से नाता

बता दें, पहली बार 7 मार्च 1997 को गुड्डू मुस्लिम का नाम लखनऊ के चर्चित ला मार्टिनियर स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर फैब्रिक जे गोम्स की हत्या मामले में सामने आया था. उसने खुद पुलिस के आगे अपना गुनाह कबूला था. लेकिन कोर्ट के सामने पुलिस उसे गुनहगार साबित नहीं कर पाई और तीनों बड़ी हो गए. स्कूल के दिनों से ही उसका अपराध से नाता रहा. उसके बारे में कहा जाता है की वह चलती बाइक से बेम बाँध लेता है.

बम बनाने में उसने एक्सपर्टाइज हासिल की है. 4 से 5 मिनट में वह एक बम बांध सकता है इसलिए उमेश पाल हत्याकांड में उसे चुना गया. अतीक से वह 2009 में परवेज टाडा एनकाउंटर के बाद जुड़ा. वह इस मर्डर के बाद अतीक का खासमखास बन गया और उसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो गया. आशंका जताई जाती है कि वह राजू पाल हत्याकांड में भी शामिल था.

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