Praveen Togadia On PM Narendra Modi: अंर्तराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख, प्रवीण तोगड़िया का कहना है कि भाजपा और आरएसएस का राम मंदिर बनाने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी वार करते हुए कहा कि मोदी ने कभी चाय नहीं बेची है. एक चाय बेचने वाला बनना उनका वोट बंटोरने के लिए हथकंडा था.
नई दिल्ली. विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी दोस्ती 43 साल तक चली लेकिन उन्होंने कभी नरेंद्र मोदी को चाय बेचते नहीं देखा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस ‘चाय बेचने वाले’ की छवि का इस्तेमाल केवल जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए करते हैं. प्रवीण तोगड़िया अब अंर्तराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस का राम मंदिर बनाने का कोई इरादा नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी के बयान के बाद आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने भी स्पष्ट किया है कि राम मंदिर अगले पांच सालों में नहीं बनाया जाएगा. इन दोनों समूहों (भाजपा और आरएसएस) ने 125 करोड़ भारतीयों को अंधेरे में रखा है, लेकिन अब देश के हिंदू जाग गए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘9 फरवरी को हिंदुओं की एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की जाएगी और एक बार जब पार्टी संसद में जीत जाएगी तो अगले दिन मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा.’ पीएम मोदी पर टिप्पणी करते हुए प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि वो संसद में ट्रिपल तालक पर कानून लाने के लिए आधी रात तक कार्यवाही करवा सकते हैं लेकिन मंदिर मुद्दे पर वो ऐसा करने का कोई प्रयास नहीं करते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर मोदी दूसरी बार लोकसभा चुनाव में चुने जाते हैं तब भी वो राम मंदिर नहीं बनाएंगे क्योंकि मंदिर का मुद्दा भाजपा और आरएसएस का जीवनकाल है. एक बार यह मुद्दा खत्म हो गया तो इन दोनों संगठनों के पास चलने के लिए कुछ नहीं बचेगा और ये दोनों ही खत्म हो जाएंगे. तोगड़िया के मुताबिक यही कारण है कि दोनों भाजपा और आरएसएस मंदिर का निर्माण नहीं होने दे रहे और इस मुद्दे को जीवित रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक बार उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद अनुच्छेद 35 ए कश्मीर में समाप्त हो जाएगा और देश भर से कोई भी वहां जाकर जमीन खरीद सकेगा. उन्होंने कहा, ‘हिंदू वहां बहुमत प्राप्त करेंगे और सरकार बनाएंगे. पथराव करने वालों को अंतिम सबक सिखाया जाएगा. मोदी को गुजरात वापस जाना होगा और मोदी के 2019 में चुनाव हारने के बाद भैयाजी जोशी को वापस नागपुर जाना होगा.’