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प्रद्युम्न केस: तलवार दंपति को रिहा कराने वाले वकील लड़ेंगे नाबालिग आरोपी छात्र का केस

गुरुग्रामः बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति को रिहा कराने वाले वकील तनवीर अहमद मीर अब प्रद्युम्न मर्डर केस के आरोपी नाबालिग छात्र का केस लड़ेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तनवीर अहमद मीर ने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के नाबालिग आरोपी की पैरवी करने का फैसला किया है. तनवीर अहमद ने इस बारे में कहा, ‘मैंने आरोपी छात्र के परिवार से बातचीत की है. मैं केस से जुड़ी सभी संभावनाओं को देखूंगा.’ दूसरी ओर प्रद्युम्न के पिता ने इस केस में पिंटो परिवार को हाई कोर्ट से जमानत दिए जाने के फैसले के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.

मिली जानकारी के अनुसार, तनवीर अहमद मीर ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वह आरोपी छात्र का केस लड़ेंगे. तनवीर अहमद ने कहा, ‘मैंने आरोपी छात्र के पिता से बातचीत की है. एक बार इस केस के सभी नियम और शर्तें औपचारिक तौर पर पूरी हो जाए फिर मैं छात्र का बचाव करने के लिए कोर्ट जाऊंगा.’ वकील तनवीर अहमद ने कहा कि अभी इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि नाबालिग आरोपी छात्र अभी रिमांड पर है. सीबीआई द्वारा उसे (छात्र) कोर्ट में पेश किए जाने का इंतजार करना होगा. कोर्ट में शुरुआती बहस छात्र के नाबालिग और बालिग होने के मुद्दे पर हो सकती है.

बताते चलें कि नाबालिग आरोपी छात्र के पिता खुद एक वकील हैं. उन्होंने किसी अन्य वकील के जरिए तनवीर अहमद से केस लड़ने की अपील की. गुरुग्राम में प्रैक्टिस कर रहे तनवीर के वकील दोस्त ने इसका खुलासा किया है. गौरतलब है कि बीते 8 सितंबर को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले मासूम छात्र प्रद्युम्न की बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. हरियाणा पुलिस ने हत्या के आरोप में स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था. अशोक ने मीडिया के सामने अपना जुर्म कबूल किया था. मामले के तूल पकड़ते ही केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ. सीबीआई के अनुसार, प्रद्युम्न का कत्ल अशोक ने नहीं बल्कि उसी स्कूल में पढ़ने वाले 11वीं के छात्र ने किया था.

आरोपी छात्र ने पीटीएम और परीक्षा टालने के लिए मासूम का कत्ल किया था. सीबीआई के खुलासे ने हरियाणा पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाए. दरअसल सीबीआई ने अशोक को आरोपी बताने से इनकार किया. खुलासा हुआ कि पुलिस के दबाव में ही अशोक ने उस जुर्म को कबूला था जो उसने किया ही नहीं. बीते बुधवार अशोक भी जमानत पर बाहर आ गया. सीबीआई की इस थ्योरी पर कई लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है. वहीं दूसरी ओर स्कूल के मालिक पिंटो परिवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. ऐसे में प्रद्युम्न के पिता ने इस आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है.

 

प्रद्युम्न मर्डर केस: बस कंडक्टर अशोक रिहाई के बाद देर रात पहुंचा घर

 

 

Aanchal Pandey

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