राजनीति : सोनिया गांधी का बड़ा बयान- ‘डर, धोखा और डराना सरकार की नीति के स्तंभ बन गए हैं.’

राजनीति नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर उनकी नीतियों के हवाले से निशाना दागा है. जहां उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट’ की नीति के स्तंभ इस सरकार में डर, धोखा और डराना है. बहस, चर्चा और बातचीत को नकारा कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी […]

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राजनीति : सोनिया गांधी का बड़ा बयान- ‘डर, धोखा और डराना सरकार की नीति के स्तंभ बन गए हैं.’

Riya Kumari

  • April 16, 2022 3:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

राजनीति

नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर उनकी नीतियों के हवाले से निशाना दागा है. जहां उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा, ‘मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट’ की नीति के स्तंभ इस सरकार में डर, धोखा और डराना है.

बहस, चर्चा और बातचीत को नकारा

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, की सरकार ने देश में बहस, चर्चा और बातचीत को पूरी तरह से नकार दिया है. इससे पहले इस तरह की नफरत को देश में नहीं देखा गया. उन्होंने आगे प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ऐसा क्या है जो प्रधानमंत्री को उन सभी हेट स्पीच के खिलाफ स्पष्ट और सार्वजानिक रूप से खड़े होने से रोका करता है, चाहे वो कहीं से भी आये?

भारत की स्थिति पर सवाल

कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा किये गए एक ट्वीट के मुताबिक, सोनिया गांधी कहती हैं कि क्या भारत को हमेशा से ही ध्रुवीकरण की स्थिति में होना चाहिए? वह आगे कहती हैं कि सत्ता में बैठे लोग तो ये चाहते हैं कि नागरिक इस वातावरण के उनके हित में होने को लेकर विश्वास करें.

मोदी सरकार ने लोगों को बांटा

सोनिया गाँधी द्वारा आगे कहा गया कि, भारत की विविधता को लेकर और इसे स्वीकार करने की बात को लेकर प्रधानमंत्री की ओर से बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी की जाती है लेकिन इसकी कड़वी सच्चाई कुछ और है. जिस विविधता ने हमारे समाज को सदियों से परिभाषित किया उस विविधता का इस्तेमाल अब हमें राज में हमें बांटने के लिए किया जा रहा है.”

संविधान दिवस को बताया पाखंड

आगे सोनिया गांधी ने अपने ट्वीट में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की बात को भी पाखंड की रूप में बताया गया. जहां उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार देश की संस्थाओं को शक्तिहीन कर रही है, ऐसे में संविधान दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है.’

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