देश-प्रदेश

Opposition Meeting: विपक्ष के महाजुटान से पहले सियासी घमासान! AAP की शर्तों पर JDU-कांग्रेस ने दिखाए तेवर

पटना: आज (23 जून) बिहार की राजधानी पटना में लोकसभा चुनाव से पहले सभी गैर भाजपाई दलों की अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में शामिल होने के लिए अलग-अलग विपक्षी पार्टियन के नेता पहुंच गए हैं. इसी बीच विपक्षी दलों के महाजुटान से पहले आम आदमी पार्टी बनाम कांग्रेस-जेडीयू देखने को मिल रहा है.

अध्यादेश बनाम राज्यों के मुद्दे

दरअसल इस समय दिल्ली शासित आम आदमी पार्टी केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सभी विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने में लगी है. इस बीच खबर आ रही है कि यदि कांग्रेस राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ AAP का समर्थन नहीं करेगी और आम आदमी पार्टी आज पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक का बायकॉट कर सकती है.

बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के इस कथित बयान के बाद कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. कांग्रेस का कहना है कि विपक्षी दलों की बैठक में केवल अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर ही चर्चा हो ना कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित तंज कसते हुए कहा कि पटना में होने जा रही बैठक देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों की बैठक होगी ना कि उन पार्टियों की जो सौदेबाज़ी करने वाली हैं.

बीजेपी ने कसा केजरीवाल पर तंज

दूसरी भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने विपक्ष की बैठक को लेकर कांग्रेस द्वारा अध्यादेश पर समर्थन न मिलने पर आम आदमी पार्टी पर तंज कैसा है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अब आया है ऊंट पहाड़ के नीचे.. देखना ये है कि केजरीवाल का कर्म क्या-क्या होता है.

आगे मनोज तिवारी ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि जितने हाथ मिले हैं वो सभी खतरनाक केमिकल से रंगे हुए हैं, उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल कह रहे हैं कि मेरा एजेंडा पहले हो. पहली बार उनका एजेंडा बड़ा हो गया है कि समय आने पर सभी विपक्षी पार्टियां केजरीवाल को ऐसी जगह छोड़ देंगी कि उनके जैसे कदम कोई और ना उठा पाए.

जेडीयू ने कहा ये

वहीं आम आदमी पार्टी कि कथित शर्तों को लेकर जेडीयू में भी हलचल दिखाई दे रही है. JDU ने भी आमा आदमी पार्टी के इरादों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कल दिल्ली के अध्यादेश पर संसद में वोटिंग होने जा रही है. लेकिन इस समय देश के सामने कई और बड़े मुद्दे हैं. राज्यों के मुद्दे उठाने के बजाए राष्ट्रीय मुद्दों को बैठक में तरजीह देनी चाहिए. राज्यों के मुद्दे उठाने से सभी पार्टियों में आपस में टकराव हो सकता है.

Riya Kumari

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