Political parties Funds Report: राजनीतिक चंदे के तौर पर बसपा को 670, सपा को 471, कांग्रेस को 196, बीजेपी को 82 और आप को सबसे कम 3 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान

Political parties Funds Report: सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग को अपने फंड्स की जानकारी दी है. पार्टियों को पिछले साल कितने फंड्स मिले हैं इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दी गई है. सूत्रों का कहना है कि जानकारी के अनुसार पिछले साल बसपा को मिला सबसे ज्यादा चंदा वहीं आम आदमी पार्टी इस मामले में सबसे पीछे रह गई.

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Political parties Funds Report: राजनीतिक चंदे के तौर पर बसपा को 670, सपा को 471, कांग्रेस को 196, बीजेपी को 82 और आप को सबसे कम 3 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान

Aanchal Pandey

  • April 15, 2019 8:40 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. राजनीतिक पार्टियों को पिछले साल कितने फंड्स मिले हैं इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दी गई है. चुनाव आयोग सूत्रों का दावा है कि राजनीतिक दलों को पिछले साल मिले चंदे के हिसाब से सबसे ज्यादा चंदा बसपा के बैंक खाते में गया है. वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में सबसे कम चंदा जमा हुआ है. सूत्रों का कहना है कि आयोग को मिली पार्टियों की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक मायावती की बसपा के बैंक खातों में पिछले साल दिसंबर में 670 करोड़ रूपये जमा थे.

दूसरी नंबर पर बसपा के बाद उसकी गठबंधन सहयोगी सपा का नम्बर है. सपा के बैंक खातों में 471 करोड़ रुपये जमा हैं. वहीं चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस की सालाना ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक उसके खातों में सिर्फ 196 करोड़ रुपये ही जमा थे. सत्तारूढ़ भाजपा ने तो अपने खातों में सिर्फ 82 करोड़ रुपए ही जमा कर रखे थे.

सीपीएम और आम आदमी पार्टी के बैंक खातों में 3-3 करोड़ रुपए जमा थे. पिछले महीनें हुए चार राज्यों के विधान सभा चुनावों में सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला था. ये 342 करोड़ रुपए था. जबकि सबसे कम समाजवादी पार्टी को मिला था. ये 3 करोड़ रुपये था. दरअसल फरवरी-मार्च में सभी पार्टियों को अपनी ऑडिट रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को सौंपनी होती है. इसी रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जमा हुए चंदे के आंकड़ें जारी हो गए हैं. हालांकि ये सूत्रों के हवाले से है इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सभी पार्टियों से अपने चुनावी फंड की पूरी जानकारी देनी होगी. उन्होंने मामले की सुनावाई करते हुए राजनीतिक दलों से कहा था कि चुनावी बॉन्ड से चंदा देने वालों की पूरी जानकारी, कितना चंदा मिला, हर बॉन्ड पर कितनी राशि प्राप्त हुई उसकी पूरी जानकारी चुनाव आयोग को उपलब्ध कराएं.

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