पीएम मोदी की हत्या की कथित साजिश में माओवादी समर्थकों पर देशव्यापी छापे, गौतम नवलखा और वरवर राव गिरफ्तार

पुलिस की एक टीम ने महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगना, दिल्ली और झारखंड में छापेमारी कर कई माओवादियों से सहानुभूति रखने वालों कोरेगांव हिंसा के मामले में छापेमारी कर गिरफ्तार किया है. इसमें सुधा भारद्वाज, अरुण फेरीरा, वर्नान गोनजाल्विज, गौतम नवलखा और वारावर राव शामिल है. इनके पास मिले कागजातों को देखते हुए आरोप है कि पीएम मोदी की हत्या की साजिश में ये लोग शामिल है. दक्षिणपंथी संगठन इन्हें शहरी नक्सली भी कहते हैं

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पीएम मोदी की हत्या की कथित साजिश में माओवादी समर्थकों पर देशव्यापी छापे, गौतम नवलखा और वरवर राव गिरफ्तार

Aanchal Pandey

  • August 28, 2018 5:31 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश की खबरें आईं थी. पूणे पुलिस की एक टीम ने महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगना, दिल्ली और झारखंड में छापेमारी कर कई माओवादियों से सहानुभूति रखने वालों को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट के अनुसार 5 प्रमुख एक्टिविस्टों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें सुधा भारद्वाज, अरुण फेरीरा, वर्नान गोनजाल्विज, गौतम नवलखा और वरवर राव शामिल हैं. दक्षिणपंथी संगठन इन्हें शहरी नक्सली भी कहते हैं. इन लोगों को भीमा कोरेगांव हिंसा में जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किया गया है, वहीं उनके पास मिले कागजातों के मद्देनजर आरोप है कि ये लोग मोदी की हत्या की साजिश में भी शामिल हैं. हालांकि हाईकोर्ट ने गौतम नवलखा की गिरफ्तारी पर एक दिन की रोक लगा दी है. ऐसे में कल सबसे पहले इस मामले पर सुनवाई की जाएगी. पुणे पुलिस ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर पुणे ले जाने की मांग कर रही है.

ये रेड गिरफ्तार लोगों के घरों में दिल्ली, फरीदाबाद, गोवा, मुंबई, रांची और हैदराबाद में की गई थी. खबर है कि पुलिस की टीम ने 5 राज्यों में 8 जगहों पर छापे मारे. इसे जून माह में हुई रेड का फॉलोअप माना जा रहा है. गौतम नौलक्खा के घर से उनका लैपटॉप और कागजातों को सीज कर लिया गया है. वहीं वारावरा राव को हैदराबाद के गांधी अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए भेजे जाने के बाद नामपैली कोर्ट में पेश किया गया है.

वहीं मानवाधिकार वकील सुधा भारद्वाज को हिरासत में लिया गया है और अलग अलग संगठनों और धर्मों के बीच दुश्मनी फैलाने के लिए उनपर धारा 153A लगाई गई है. इसके अलावा हिसंक बयान देने के लिए आईपीसी की  धारा 505, 117 औओर 120 लगाई गई है. बता दें कि पूरे महाराष्ट्र से दलित समुदाय के लोग पूणे के नजदीक कोरेगांव भीमा ने मराठा पेशवा पर अपनी जीत का जश्म मनाने के लिए लगभग 3 लाख लोग इकट्ठा हुए थे जहां अचानक बवाल हो जाने से तीन दिन तक हिंसा का माहौल रहा था. इस दौरान एक शख्स की मौत हुई थी जबकि कई अन्य घायल हुए थे.

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