PM Narendra Modi Xi Jinping Mahabalipuram Visit, PM Modi or China ke rashtrapati karenge mulakat: कल यानि 11 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपींग के बीच तमिलनाडू के महाबलीपुरम में मुलाकात होगी. इस शहर का चीन से पुराना रिश्ता है. पूरे शहर में चीन के राष्ट्रपति के स्वागत के लिए तैयारी जारी है. महाबलिपुरम, जो तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले का हिस्सा है, एक चीनी पाठ, चिएन हान शू में 'हुआंग चे' के रूप में संदर्भित है. हालांकि महाबलिपुरम के शक्तिशाली प्रतीकवाद से जम्मू-कश्मीर और भारत के साथ अन्य मुद्दों पर चीन के सख्त रुख को प्रभावित करने में सफलता नहीं मिलेगी, लेकिन आयोजन स्थल का उल्लेखनीय ऐतिहासिक महत्व रेखांकित होता है.
महाबलिपुरम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कल 11 अक्टूबर को तमिलनाडु के महाबलिपुरम में मुलाकात करेंगे. महाबलिपुरम को मामल्लापुरम भी कहा जाता है. शहर इस उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन से पहले एक बदलाव के लिए तैयार है. शुक्रवार को दोपहर बाद, चीनी राष्ट्रपति चेन्नई हवाई अड्डे पर उतरेंगे और एक लक्जरी होटल में जाएंगे. वह चाय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बादे अपने दौरे में आगे बढ़ेंगे. शाम 5 बजे, पीएम मोदी और शी जिनपिंग ममल्लापुरम के चार प्रतिष्ठित स्मारकों का दौरा करेंगे. वे अर्जुन की तपस्या, कृष्ण की मक्खन की गेंद, पंचरथ और किनारे के मंदिर जाएंगे. सभी स्मारकों को साफ किया गया है. विरासत स्थलों का आनंद लेने के लिए नेताओं के लिए लकड़ी के पैदल मार्ग बनाए गए हैं. भूनिर्माण में प्राकृतिक घास के लॉन का उपयोग किया गया है. वहां फोटो लेने के लिए रोशनी के इंतजाम किए गएहैं. भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को जोड़ने के लिए किनारे मंदिर के पास एक बुद्ध प्रतिमा स्थापित की गई है.
खास बात ये है कि इस शहर और चीन का रिश्ता बेहद पुराना है. ये रिश्ता 1300 साल पुराना है. महाबलीपुरम, या मामल्लपुरम, तमिलनाडु तट पर चेन्नई से 56 किमी दक्षिण में है. पल्लव वंश के समुद्री रास्ते से बौद्ध धर्म और चीन के साथ प्राचीन संबंध थे. ममल्लापुरम नाम ममलन से निकला है जिसका अर्थ है महान योद्धा, एक शीर्षक जिससे पल्लव राजा नरसिंहवर्मन प्रथम (630-668 ई) को जाना जाता था. उनके शासनकाल के दौरान ह्वेन त्सांग, चीनी बौद्ध भिक्षु-यात्री, पल्लव की राजधानी कांजीपुरम में आए थे. हालांकि महाबलिपुरम के शक्तिशाली प्रतीकवाद से जम्मू-कश्मीर और भारत के साथ अन्य मुद्दों पर चीन के सख्त रुख को प्रभावित करने में सफलता नहीं मिलेगी, लेकिन आयोजन स्थल का उल्लेखनीय ऐतिहासिक महत्व रेखांकित होता है.
पीएम मोदी और शी जिनपिंग की इस मुलाकात के लिए महाबलिपुरम तैयार हो गया है. तमिलनाडु में एयरपोर्ट से लेकर उन सभी इलाकों को सजाया गया है जहां दोनों शीर्ष नेता जाएंगे. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आगमन से पहले चेन्नई एयरपोर्ट पर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बीच दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए चीनी राष्ट्रपति 11-12 अक्टूबर को चेन्नई जाएंगे. चेन्नई के एक स्कूल के लगभग 2000 छात्रों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुखौटे पहनकर एक फॉर्म तैयार किया, जिसमें उनका भारत में स्वागत किया गया.
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#WATCH Around 2000 students of a school in Chennai make a formation wearing masks of Chinese President Xi Jinping, welcoming him to India. The Chinese President will visit Chennai from October 11-12 for the second Informal Summit with Prime Minister Narendra Modi. #TamilNadu pic.twitter.com/SwbfKHWIuY
— ANI (@ANI) October 10, 2019
Tamil Nadu: Around 2000 students of a school in Chennai form a formation wearing masks of Chinese President Xi Jinping, welcoming him to India. The Chinese President will visit Chennai from October 11-12 for the second Informal Summit between Prime Minister Narendra Modi and him. pic.twitter.com/VDtnFTSe15
— ANI (@ANI) October 10, 2019
Tamil Nadu: Preparations being done at Chennai Airport ahead of the arrival of Chinese President Xi Jinping. The Chinese President will visit Chennai from October 11-12 for the second Informal Summit between Prime Minister Narendra Modi and him. pic.twitter.com/4pHsgwcjvh
— ANI (@ANI) October 10, 2019