प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाह है कि यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा के बाद फाउंडेशन कोर्स यानी ट्रेनिंग पहले कैडर और सर्विस का आवंटन नहीं किया जाए. बल्कि ट्रेनिंग के बाज की परीक्षा के नंबर को सिविल सर्विसेज के अंकों के साथ जोड़कर आईपीएस, आईएएस जैसी ऑल इंडिया स्तर की सर्विस और कैडर बांटा जाए. इस मामले में केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त सचिव विजय कुमार सिंह ने दूरसंचार मंत्रालय के एक अधिकारी को पत्र लिखा है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की हर साल होने वाली सिविल सर्विसेज परीक्षा में बड़े बदलाव करने के मूड में है. खबर है कि यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाहत की वजह से किए जा सकते हैं. दरअसल प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अब आईएएस, आईपीएस जैसी अखिल भारतीय सेवाओं और कैडर का आवंटन सिविल सर्विसेज परीक्षा के स्कोर और मेरिट लिस्ट के आधार पर बंद करके उसे ट्रेनिंग के बाद किया जाए. जिसके बाद सिविल सर्विसेज परीक्षा के नंबर और ट्रेनिंग के बाद की परीक्षा के नंबर को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनाई जाए.
गौरतलब है कि केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के संयुक्त सचिव विजय कुमार सिंह ने दूरसंचार मंत्रालय के एक अधिकारी को पत्र लिखा है. पत्र में विजय कुमार सिंह ने दूरसंचार मंत्रालय के कार्मिक विभाग के उप-महानिदेशक अभय कुमार सिंह से उनके विभाग के तहत आने वाली अखिल भारतीय सेवाओं के नियमों को चेक करने के बताने के लिए कहा कि क्या ऐसा हो सकता है. एक सप्ताह के अंदर इस पत्र का जवाब मांगा गया है, जिससे पीएमओ के निर्देशों के मुताबिक कैडर और सर्विस आवंटन को फाउंडेशन कोर्स के बाद करने की प्रक्रिया पर आगे काम किया जा सके.
Rise up students, your future is at risk! RSS wants what’s rightfully yours. The letter below reveals the PM’s plan to appoint officers of RSS’s choice into the Central Services, by manipulating the merit list using subjective criteria, instead of exam rankings. #ByeByeUPSC pic.twitter.com/VSElwErKqe
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 22, 2018
ज्वाइंट सेक्रेटरी ने पत्र में जानना चाहा कि अगर परीक्षा के बाद आई मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन न करते हुए ट्रेनिंग के बाद दोनों प्रक्रिया के अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट के आधार पर आईएएस, आईपीएस, आईएफएस समेत ऑल इंडिया स्तर की सर्विसों और कैडर का बंटवारा किया जाए, तो ऐसा करने में नियम क्या कहते है. दरअसल वर्तमान में सिविल सर्विसेज पास करने वाले कैडर का आवंटन ट्रेनिंग यानी फाउंडेशन कोर्स शुरू होने से पहले हो जाता है.
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पत्र को ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने पीएम मोदी की चाहत को यूपीएससी को नजरअंदाज करने, मेरिट लिस्ट और सिविल सर्विसेज की रैंकिंग को अनदेखा करने की कोशिश बताया है. राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आरएसएस की पसंद से सरकार अखिल भारतीय सेवाओं में लोगों की गलत भर्ती की नियत से ऐसा कर रही है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जागो छात्रों, तुम्हारा भविष्य खतरे में है.
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