आयुष्मान भारत योजना में आपका नाम है या नहीं, इन तरीकों से खोजें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड में आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन लॉन्च किया. इस स्कीम के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये का मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा. अनुमान के मुताबिक इस स्कीम से 50 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा.

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आयुष्मान भारत योजना में आपका नाम है या नहीं, इन तरीकों से खोजें

Aanchal Pandey

  • September 22, 2018 5:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड में ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत- राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लॉन्च कर दी. इस योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख सालाना का मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा. योग्य लोग सरकारी और लिस्टेड प्राइवेट अस्पतालों में भी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. माना जा रहा है इस योजना के तहत देश के करीब 50 करोड़ लोग आएंगे. योजना में फैमिली साइज या उम्र को निर्धारित नहीं किया गया है. इस वजह से परिवार के सभी लोग इसके दायरे में आएंगे.बीजेपी के ट्वीटर हैंडल पर दी गई जानकारी के अनुसार पीएम आज दोपहर एक बजे इस योजना को लॉन्च करेंगे.

कैसे उठाएं लाभ: इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए आपको सिर्फ आईडी कार्ड की जरूरत पड़ेगी और वह आधार, राशन या वोटर आईडी कार्ड हो सकता है. इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है. अगर अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आती है तो आपको किसी भी तरह का कोई भुगतान करने की जरूरत नहीं है. 

कोई भी शख्स सरकारी या लिस्टेड प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकता है. आयुष्मान भारत योजना को लागू कराने में जुटी शीर्ष संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी (एनएचए) ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है ताकि प्रस्तावित लाभार्थी यह चेक कर सकें कि उनका नाम आखिरी लिस्ट में है या नहीं. लिस्ट में नाम चेक करने के लिए आपको सिर्फ mera.pmjay.gov.in या हेल्पलाइन नंबर (14555) पर कॉल करना होगा. लाभार्थी को अपना मोबाइल नंबर मुहैया कराना होगा, जिस पर एक ओटीपी आएगा और इसके बाद अॉनलाइन ही केवाईसी भरना होगा. इसके लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. लाभार्थी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी अपना एनरोलमेंट चेक कर सकते हैं.

हर अस्पताल में आयुष्मान मित्र होंगे जो मरीजों की मदद करने के साथ-साथ लाभार्थियों और अस्पताल से कॉर्डिनेट करेंगे. वे एक हेल्पडेस्क चलाएंगे, जहां वे दस्तावेजों को चेक करके योग्यता और स्कीम में एनरोलमेंट का पता लगाएंगे. इसके अलावा लाभार्थियों को एक लेटर दिया जाएगा, जिसमें क्यूआर कोड्स होंगे, जिन्हें स्कैन करके पहचान के लिए जनसांख्यिकीय प्रमाणीकरण किया जाएगा. साथ ही स्कीम के लिए योग्यता भी जांची जाएगी.

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