PM Narendra Modi On Nuclear Bomb: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी पर फटकार लगाते हुए कहा, हर दिन वो (पाकिस्तान) परमाणु हथियार रखने के बारे में दावा करते हैं. तो हमारे पास क्या है? क्या हम उन्हें (परमाणु हथियार) दिवाली के लिए बचा रहे हैं? मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए एक "सुनहरा अवसर" गंवा दिया जब "वैश्विक दबाव में" 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को रिहा कर दिया जो भारतीय सेना की हिरासत में थे
बाड़मेड़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत अब हर बार पाकिस्तान द्वारा दिए गए परमाणु युद्ध की धमकियों से डरता नहीं है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमने दिवाली के लिए अपने परमाणु बम नहीं बचाए हैं.
दरअसल बाड़मेर में एक रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने ये बात कही जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे. पीएम मोदी ने कहा, भारत ने पाकिस्तान की धमकियों से डरने की नीति को बंद कर दिया है. हर दिन वो (पाकिस्तान) परमाणु हथियार होने के बारे में दावा करते हैं. यहां तक कि उनकी मीडिया भी यही दावा करती है और पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार होने की रिपोर्ट लाती है. तो हमारे पास क्या है? क्या हम उन्हें (परमाणु हथियार) दिवाली के लिए बचा रहे हैं?
बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद की आतंकवादी सुविधा पर भारतीय वायुसेना के हमलों का उल्लेख किए बिना, मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने साहसिक कदम उठाकर पाकिस्तान के अहंकार को कुचल दिया. उन्होंने कहा, हमने पाकिस्तान की साड़ी हेकड़ी निकाल दी. उसे कटोरा लेके दुनिया में घूमने को मैंने मजबूर कर दिया है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस का दावा है कि आतंकवाद और राष्ट्रवाद कोई मुद्दा नहीं है. ये ऐसे मुद्दे कैसे नहीं हो सकते जब हमारे युवा बेटों को तिरंगे में लपेट कर घर वापस लाया जाता है. वो कहते हैं कि मुझे साहस की बात नहीं करनी चाहिए. मैं क्यों नहीं? मैं क्या यहां भजन करने के लिए हूं?
मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध के बाद कश्मीर विवाद को हल करने का सुनहरा अवसर गंवा दिया था. ये तब हल हो सकता था जब 1971 में बांग्लादेश युद्ध खत्म होने के बाद भारत ने 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को रिहा किया था जो भारतीय सेना की हिरासत में थे. कांग्रेस सरकार ने वैश्विक दबाव में गिरकर शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए और मामला बंद कर दिया गया. युद्ध के कैदियों और भारतीय सेना द्वारा कब्जा की गई भूमि को रिहा कर दिया गया. यह पीओडब्ल्यू के बदले में कश्मीर विवाद को हल करने का एक सुनहरा अवसर था. मोदी के शासन के दौरान क्या हुआ है?
इससे पहले चित्तौड़गढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, क्या आप ‘मोदी’ के अलावा किसी भी नाम के बारे में सोच सकते हैं जो आतंकवाद को खत्म कर सकते हैं? याद रखें, जब आपने इस बार अपना वोट डाला, तो आप न केवल एक सतर्क नागरिक की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि एक सतर्क सैनिक भी.