PM Narendra Modi on ISRO Chandrayaan 2 Vikram Lander: भारत के मून मिशन चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया. इसरो ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग से 2.1 किलोमीटर पहले चंद्रयान 2 से संपर्क टूट गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान इसरो वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. उन्हें इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है.
नई दिल्ली. भारत का मून मिशन चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम का चांद की चतह पर उतरने से चंद किलोमीटर की दूरी पर ही इसरो से संपर्क टूट गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान 2 की लैंडिंग के वक्त इसरो वैज्ञानिकों के साथ मौजूद थे. उन्होंने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए हिम्मत रखने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि जिंदगी में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगी. हमें निराश नहीं होना चाहिए. हमें इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का संपर्क चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरने से 2.1 किलोमीटर पहले ही संपर्क टूट गया. इसरो वैज्ञानिक फिलहाल आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री शुक्रवार देर रात चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के ऐतिहासिक पलों का गवाह बनने इसरो पहुंचे. बेंगलुरु के इसरो केंद्र में पीएम मोदी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ लाइव लैंडिंग देख रहे थे. इस दौरान पीएम मोदी के साथ कुछ बच्चे भी मौजूद थे जिन्हें विशेष तौर पर लाइव लैंडिंग देखने के लिए आमंत्रित किया गया था.
India is proud of our scientists! They’ve given their best and have always made India proud. These are moments to be courageous, and courageous we will be!
Chairman @isro gave updates on Chandrayaan-2. We remain hopeful and will continue working hard on our space programme.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 6, 2019
संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत को अपने वैज्ञानिकों पर बहुत गर्व है. उन्होंने अपना पूरा प्रयास किया और हम उनपर हमेशा गर्व करेंगे. इसरो के चेयरमैन हमें चंद्रय़ान 2 पर अपडेट दे रहे हैं. हमें अभी भी संपर्क जुड़ने की आशा है. हमारा स्पेस प्रोग्राम जारी रहेगा और हमेशा कड़ी मेहनत के साथ काम करते रहेंगे.
This is Mission Control Centre. #VikramLander descent was as planned and normal performance was observed up to an altitude of 2.1 km. Subsequently, communication from Lander to the ground stations was lost. Data is being analyzed.#ISRO
— ISRO (@isro) September 6, 2019
फिलहाल सभी की उम्मीदें इसरो से टिकी हुई है. अभी तक भारत के मून मिशन के फेलियर की बात नहीं कही गई है. इसरो के वैज्ञानिक आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं. जल्द ही इसके बारे में अपडेट दे दिया जाएगा.