PM Narendra Modi In Varanasi: देव दीपावली पर काशी में PM नरेंद्र मोदी ने भरी हुंकार- पंजाब के किसानों को याद दिलाई गुरु नानक की सीख

PM Narendra Modi In Varanasi: देव दीपवाली के मौके पर वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम काशी के 80 घाटों में से एक राजघाट पर लोगों को संबोधित किया. पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.

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PM Narendra Modi In Varanasi: देव दीपावली पर काशी में PM नरेंद्र मोदी ने भरी हुंकार- पंजाब के किसानों को याद दिलाई गुरु नानक की सीख

Aanchal Pandey

  • November 30, 2020 7:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

PM Narendra Modi In Varanasi: देव दीपावली के पावन मौके पर वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी के घाटों से लेकर, अयोध्या और पंजाब के किसानों की बातचीत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में एक तीर से कई निशाने साधने का काम किया है. काशी के 80 घाटों में से एकल राजघाट पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मां गंगा के सानिध्य में काशी प्रकाश का उत्सव मना रही है. मुझे भी महादेव के आशीवार्द से इस प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य मिल रहा है. माता अन्नपूर्णा की मूर्ति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मेरे लिए भी एक विशेष अवसर है. 100 वर्ष पहले जो माता अन्नपूर्णा की मूर्ति चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है. माता अन्नपूर्णा एक बार फिर अपने घर वापस आ रही हैं.

काशी के राजघाट से विपक्ष को घेरते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए विरासत का मतलब देश की धरोहर जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है, अपना परिवार और अपने परिवार का नाम. हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था. उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें. पीएम ने कहा कि काशी सबको, पूरे विश्व को प्रकाश देने वाली है. पथ प्रदर्शन करने वाली है. हर युग में काशी के इस प्रकाश से किसी ने किसी महापुरुष की तपस्या जुड़ जाती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों को गुरु नानक की सीख याद दिलाई. पीएम मोदी ने कहा कि आज हम रिफॉर्म्स की बात करते हैं, लेकिन समाज और व्यवस्था में रिफॉर्म्स के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे. हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर ज़रूर उठते हैं. लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सबकुछ ठीक हो जाता है.

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