PM Narendra Modi In Hazaribagh Jharkhand: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग में आयोजित जनसभा से राज्य के लिए तीन नई मेडिकल कॉलेजों की बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इसके अलावा अपने संबोधन में पीएम ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवान विजय सोरेन को भी याद किया.
हजारीबाग, झारखंड. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड के हजारीबाग में आयोजित जनसभा में तीन मेडिकल कॉलेज, लड़कियों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज और ट्राइबल स्टडीज सेंटर का उद्घाटन किया. हजारीबाग में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने कहा कि तीन साल पहले झारखंड में मात्र तीन मेडिकल कॉलेज थे, आज एक ही दिन में तीन मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं. इन मेडिकल कॉलेजों से युवाओं को यही पर पढ़ाई का मौका तो मिलेगा ही साथ ही चिकित्सा व्यवस्था भी बेहतर होगी. इसके अलावा पीएम मोदी ने झारखंड की रघुवर दास सरकार के स्वच्छता अभियान काम की भी तारीफ की.
अपनी जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास की चाभी भी सौंपी. अपने संबोधन में पीएम मोदी आयुष्मान भारत योजना की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए कहा कि झारखण्ड के लगभग 57 हजार लोगों की गंभीर बीमारियों का आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज किया जा चुका है.
Prime Minister Narendra Modi laid the foundation stone of various developmental projects in Hazaribagh, Jharkhand. pic.twitter.com/sC1a8oS7b2
— ANI (@ANI) February 17, 2019
PM Shri @narendramodi gives beneficiaries the keys of their houses under Prime Minister's Housing Scheme in Hazaribagh. #JharkhandWithModi pic.twitter.com/4DuYkJac5u
— BJP (@BJP4India) February 17, 2019
मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि झारखण्ड में पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध करने के लिए हमारी सरकार ने हजारों करोड़ की लागत से 350 परियोजनाओं पर काम किया है और ऐसी ही 11 परियोजनाओं का आज शिलान्यास किया गया है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि झारखंड सहित देश के लगभग सभी आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं. यहां ऐसे करीब दो दर्जन स्कूल शुरु हो चुके हैं और 70 नए स्कूल खोलने की प्रक्रिया चल रही है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पुलवामा हमले में शहीद हुए विजय सोरेन को भी याद किया. उन्होंने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र के नाते एक अभिभावक के रूप में हमें पुलवामा के सभी शहीदों के परिजनों और उनके बच्चों की देखभाल करनी है.