मोदी सरकार ने सेना की मारक क्षमता में इजाफा करने की बड़ी पहल करते हुए करीब 16 हजार करोड रुपये के रक्षा खरीद सौदे को मंजूरी दे दी है. मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हथियारों से लैस करने के लिए इस रकम के जरिये करीब साढे सात लाख असाल्ट रायफल, स्नीपर रायफल, लाइट मशीन गन से लेकर नौसेना की ताकत में इजाफे के लिए एडवांस टोरपेडो सिस्टम की खरीद की जाएगी.
नई दिल्ली. देश को चारों ओर से दुश्मनों से घिरते देख सरकार सेना को और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने जा रही है. पाकिस्तान और चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव के साथ घाटी में सुरक्षा बलों के कैंपों पर हमला बढ़ने के बाद सरकार ने सेना के लिए छोटे हथियारों की खरीद करने पर बड़ा फैसला किया गया है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद ने 15,935 करोड़ के रक्षा सौदों को मंजूरी दी. इस सौदे के जरिए करीब साढे सात लाख असाल्ट रायफल, स्नीपर रायफल, लाइट मशीन गन से लेकर नौसेना की ताकत में इजाफे के लिए एडवांस टोरपेडो सिस्टम की खरीद की जाएगी.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में फैसला लिया गया कि 1,819 करोड़ रुपये की लागत से लाइट मशीन गनों खरीदी जाएंगी. इसके अलावा 982 करोड़ रुपये की लागत से 5,719 स्नाइपर राइफलें खरीदने का भी प्रस्ताव है. वहीं बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए 12280 करोड़ की लागत से असाल्ट राइफलें खरीदी जाएंगी. रक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार 7.40 लाख असाल्ट राइफलें भारत में ही बनाई जाएंगी. स्नाइपर राइफलें विदेश से ही खरीदी जाएंगी.
इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने अपने बयान में कहा कि नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को मजबूत करने के लिए डीएसी ने 850 करोड़ रुपये की लागत से ‘एडवांस्ड टारपीडो डिकॉइ सिस्टम’ की खरीद को भी मंजूरी प्रदान कर दी गई है. मारीच एडवांस्ड टारपीडो डिकॉइ सिस्टम को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देश में ही विकसित किया है और यह प्रणाली सघन परीक्षण मूल्यांकन पूरा कर चुकी है.
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