आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, जानें खासियत

देहरादून. प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखंड स्थित केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दो महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने वाले हैं. आज यहाँ पीएम मोदी तीर्थयात्रियों को केदारनाथ रोपवे की सौगात देने वाले हैं. रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण से श्रद्धालुओं के बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने का सफर सरल हो जाएगा. बता दें, ये दुनिया […]

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आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, जानें खासियत

Aanchal Pandey

  • October 21, 2022 10:05 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

देहरादून. प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखंड स्थित केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दो महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने वाले हैं. आज यहाँ पीएम मोदी तीर्थयात्रियों को केदारनाथ रोपवे की सौगात देने वाले हैं. रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के निर्माण से श्रद्धालुओं के बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने का सफर सरल हो जाएगा. बता दें, ये दुनिया का सबसे लंबा रोपवे होने वाला है, इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 11,500 फीट तक होने वाली है. 11.5 किलोमीटर लंबे इस रोपवे से तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी.

परियोजना की लागत

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रोपवे परियोजना की लागत 950 करोड़ रुपए बताई जा रही है, रोपवे सोनप्रयाग-केदारनाथ के बनने के बाद से 16 किमी की पैदल दूरी का सफर बस 25 मिनट में ही तय किया जा सकेगा. इस परियोजना की खास बात ये है कि रोप-वे को बनाने का जिम्मा केंद्र सरकार के एनएचएलएमएल (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) ने एक कंपनी को सौंपा गया है, इस रोप-वे में तकरीबन 22 टावर लगाए जाएंगे.

सुरक्षित यात्रा का विकल्प

गौरतलब है, बीते 18 अक्टूबर को केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हो गई थी. घने कोहरे और खराब मौसम की वजह से ये हादसा हुआ, हालांकि, हादसे के एक दिन बाद यानी 19 अक्टूबर को हेलीकॉप्टर का संचालन एक बार फिर शुरू कर दिया. वहीं, अब इस रोपवे के बनने के बाद श्रद्धालुओं का सफर और आसान हो जाएगा. जानकारों का मानना है कि रोप-वे श्रद्धालुओं के लिए लंबी दूरी करने के लिए रोपवे सबसे सटीक वाहन है, इससे घने कोहरे में होने वाले हेलीकॉप्टर हादसों से भी छुटकारा मिलेगा.

जानकारों का मानना है कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए दो ही विकल्प है पहला तो पैदल यात्रा का है, लेकिन यह बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए अच्छा नहीं है, और दूसरा विकल्प रोपवे या केबिल कार का है क्योंकि इससे बच्चे, वृद्ध, जवान और दिव्यांग सभी यात्रा कर सकते हैं.

 

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