भारतीय नौसेना में शामिल हुई स्कार्पीन पनडुब्बी INS कलवरी आधुनिक फीचर्स से लैस है. पनडुब्बी को नौसेना को सौंपने के दौरान पीएम मोदी से साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि तीन साल में रक्षा-सुरक्षा इको-सिस्टम में बड़े बदलाव हुए हैं
मुंबईः पनडुब्बी INS कलवरी गुरुवार को नौसेना में शामिल हो गई. इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षा मंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं. पनडुब्बी के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि INS कलवरी पनडुब्बी को राष्ट्र को समर्पित करना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि पिछले तीन साल में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े पूरे इको सिस्टम में बदलाव की शुरुआत हुई है. उन्होंने कहा कि यह हमारा कमिटमेंट था जिसके कारण दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन का वादा हकीकत में बदल चुका है. वहीं उन्होंने पनडुब्बी को एक नया नाम देते हुए कहा कि मैं इसे एक स्पेशल नाम से बुलाता हूं, सागर (S.A.G.A.R) यानी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल रीजन. उन्होंने इसे Make In India का उत्तम उदाहरण बताया. उन्होंने यह भी कहा, समुद्र के रास्ते आतंकवाद हो, ड्रग तस्करी हो या गैरकानूनी मछली पकड़ना, भारत इन सबसे निपटने में अहम भूमिका निभाता रहा है.
17 साल के इंतजार के बाद हिंदुस्तान को समंदर में सबसे बड़ी ताकत मिल गई है. भारत की समुद्री सीमा में चीन और पाकिस्तान की घुसपैठ को जबाव देने के लिए भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस कलवरी गुरुवार को समुद्र में उतरी. जानकारी के अनुसार, कलवरी अपनी तरह की पहली स्वदेशी पनडुब्बी है, जिसे ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बनाया गया है.
जानिए INS कलवरी के बारे में
बता दें कि आईएनएस कलवरी एक डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धक पनडुब्बी है, जिसे भारतीय नौसेना के लिए मझागांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है. इस परियोजना को फ्रांस के सहयोग से चलाया जा रहा है. बता दें कि यह पनडुब्बी आधुनिक फीचर्स से लैस होगी जो दुश्मनों की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है. इसका प्राथमिक काम दुश्मन के व्यापार औऱ ऊर्जा मार्गों पर नजर रखना, अपने क्षेत्र को ब्लॉक करना और युद्धक उपकरणों की रक्षा करना है. न्यूक्लियर ताकतों से लैस पनडुब्बी और बैलिस्टिक मिसाइल नौसेना की ताकत औऱ दक्षता बढ़ाएंगे. साथ ही रणनीतिक मजबूती के लिए यह महत्वपूर्ण हैं.
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