नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद 17 जून से 17वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरू हो रहा है. 5 जुलाई को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश का सालाना बजट पेश करेगी. साथ ही इस संसद सत्र में केंद्र सरकार 10 अध्यादेशों को कानून बनाने की पुरजोर तैयारी में है जिसमें ट्रिपल तलाक, इंडियन मेडिकल काउंसिल, अनियमित जमा योजनाओं के अध्यादेश पर प्रतिबंध, जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन बिल), नई दिल्ली आरबिट्रेशन सेंटर, होम्योपैथिक सेंट्रल काउंसिल (संशोधन बिल), स्पेशल इकोनॉमिक जोन (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस, -सेंट्रल एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (रिजर्वेशन इन टीचर्स कैडर) ऑर्डिनेंस, कंपनी (सुधार) अध्यादेश शामिल हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इन अध्यादेशों को अपने पहले कार्यकाल में दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में पास नहीं करवा पाई थी. ऐसे में सरकार इसी सत्र में सभी बिलों को दोनों सदनों में पास कराकर कानून का रूप बना देना चाहती है. अगर इस सत्र में भी सरकार इन सभी अध्यादेशों को पास नहीं करवा सकी तो इन विधेयकों पर फिर से अध्यादेश लाना पड़ सकता है. दरअसल, देश के राष्ट्रपति अध्यादेश लाने की मंजूरी देते हैं जिसके 6 महीने के भीतर मौजूदा सरकार को दोनों सदन से इसे पास कराना होता है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या हैं ये 10 अध्यादेश जिन्हें केंद्र सरकार संसद के पहले सत्र में पास कराना चाहती है.
- मुस्लिम वुमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) ट्रिपल तलाक – मुस्लिम महिलाओं की शादीशुदा जिंदगी को सुरक्षा देने वाला ट्रिपल तलाक अध्यादेश मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में काफी चर्चित रहा था. लोकसभा में यह अध्यादेश दो बार पास हुआ लेकिन राज्यसभा में विपक्ष की बहुमत की चलते यह बिल पास नहीं हो सका थ इसी वजह से नरेंद्र मोदी सरकार प्रमुखता से इस बिल को सदन में पेश करेगी.
- इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश- 26 सिंतबर 2018 को जारी किया गया था. यह अध्यादेश इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 में संशोधन करता है. माना जा रहा है कि इस साल सत्र की शुरुआत में ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संशोधन बिल को दोनों सदनों से पास कराने की पूरी कोशिश करेगी.
- कंपनी (सुधार) अध्यादेश- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार साल 2018 कंपनी कानून अध्यादेश लाई थी लेकिन संसद सत्र में पारित नहीं हो पाया. जिसके बाद सरकार ने 2019 में कंपनी कानून (दूसरा संशोधन) अध्यादेश लाने का फैसला किया. हालांकि उस समय भी यह पास नहीं हो सका जिसके बाद इस सत्र में केंद्र सरकार दोनों सदनों से इस अध्यादेश को पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी.
- अनियमित जमा योजनाओं के अध्यादेश- 21 फरवरी 2019 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्रीमंडल ने अनियमित जमा योजना प्रतिबंध विधेयक 2018 को अध्यादेश के माध्यम से लागू किए जाने वाले फैसले को मंजूरी दी. इस विधेयक का मकसद निवेशकों को पोंजी योजनाओं से बचाना है. आखिरी बजट सत्र में लोकसभा में यह विधेयक पारित हो गया था लेकिन राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था.
- जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 मार्च को जम्मू कश्मीर में एससी, एसटी वर्ग को आरक्षण देने का लाभ देने के लिए आर्टिकल 370 की धारा 1 में संशोधन के लिए अध्यादेश की मंजूरी दी थी. पिछले सत्र में यह पारित नहीं हो सका लेकिन इस सत्र में केंद्र सरकार एक बार फिर संशोधन अध्यादेश को दोनों सदनों में पेश करेगी.
- आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 2 मार्च 2019 को आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश जारी किया था. यह अध्यादेश आधार ( वित्तीय एंव अन्य सबसिडी, लाभ और सेवाओं का लाक्षित वितरण) एक्ट 2016, भारतीय टेलीग्राफ एक्ट 1885 और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) निवारण एक्ट 2002 में संशोधित करता है. 16वीं लोकसभा के भंग होने के साथ यह बिल लैप्स हो गया था जो इस सत्र दोनों सदनों में पेश किया जाएगा.
- नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने फरवरी 2019 में नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) की स्थापना के लिए विधेयक को मंजूरी दी थी जिसका उद्देश्य संस्थागत मध्यस्थता के लिए स्वतंत्र और स्वायत्त व्यवस्था निर्मित करना है. पिछले सत्र में दोनों सदनों से यह अध्यादेश पारित नहीं हो पाया था. इस सत्र में केंद्र सरकार एक बार फिर दोनों सदनों इस अध्यादेश को पारित करवाने की पूरी कोशिश करेगी.
- होम्योपैथी केंद्रीय परिषद (संशोधन) अध्यादेश- केंद्र सरकार ने 2 मार्च 2019 को होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश जारी किया था. यह अध्यादेश होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल एक्ट, 1973 में संशोधन करता है जिसके तहत सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथी की स्थापना की गई थी.
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश – लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इस अध्यादेश से किसी भी ट्रस्ट को विशेष आर्थिक क्षेत्र में यूनिट स्थापित करने का अधिकार मिल जाएगा. 16वें संसद सत्र में यह अध्यादेश पारित नहीं हो सका था. ऐसे में केंद्र सरकार 17वें संसद सत्र में इसे दोनों सदनों से पारित करवाने की कोशिश करेगी.
- केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश – लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश जारी किया था. केंद्र सरकार ने यह अध्यादेश साल 2017 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट देगा, जिसमें विभाग को भर्ती यूनिट बनाया था.
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