PM Narendra Modi Advice to Ministers, Apne Mantriyon ko Pm Narendra Modi ne di Salaah: पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को सलाह दी है कि वो सभी अयोध्या पर अनावश्यक बयानों से बचें. साथ ही कहा है कि सद्भाव बनाए रखें. प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद से कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए और सौहार्द और सद्भाव का माहौल बनाए रखना चाहिए. संभावना है कि सुफ्रीम कोर्ट अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर जल्द फैसला सुना सकता है. इसी के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने इस तरह की सलाह अपने मंत्रियों को दी है.
अयोध्या. सूत्रों ने कहा कि अयोध्या मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को यहां अपने मंत्रिपरिषद के साथ संवेदनशील मामले पर चर्चा की और उन्हें इस विषय पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सद्भाव बनाए रखने के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने देश में सौहार्द और सौहार्द का वातावरण बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मंत्री परिषद की बैठक में ये टिप्पणियां कीं. सुप्रीम कोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला देने की संभावना है. 27 अक्टूबर को अपने मन की बात रेडियो कार्यक्रम के नवीनतम संस्करण में, पीएम मोदी ने याद किया था कि कैसे अयोध्या में विवादित भूमि पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर सरकार, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज ने फिजूलखर्ची को रोकने के प्रयासों को रोका था. ये फैसला 2010 में दिया गया था.
उन्होंने इसे एक उदाहरण के रूप में वर्णित किया था कि कैसे एकजुट आवाज देश को मजबूत कर सकती है. प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद से कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचना चाहिए और सौहार्द और सद्भाव का माहौल बनाए रखना चाहिए. इस बारे में जानकारी सूत्रों ने दी है. कहा गया है कि उन्होंने यह भी जोर दिया कि फैसले को जीत और हार के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. प्रधानमंत्री की टिप्पणी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अपने कार्यकर्ताओं और प्रवक्ताओं से राम मंदिर मुद्दे पर भावनात्मक और भड़काऊ बयान देने से परहेज करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद आई है. पार्टी ने अपने सांसदों से कहा कि वे शांति बनाए रखने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करें.
सत्तारूढ़ पार्टी के वैचारिक संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कुछ दिन पहले अपने कैडर को चेतावनी का एक समान शब्द जारी किया था. संघ के शीर्ष नेताओं ने, प्रचारकों की हालिया बैठक में, उन्हें राम मंदिर के फैसले के पक्ष में जुलूस नहीं मनाने या जुलूस नहीं निकालने के लिए कहा था. आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगलवार को प्रमुख मुस्लिम मौलवियों और बुद्धिजीवियों के पास पहुंचे और उनके साथ बैठक की, जिसके दौरान यह ज़ोर दिया गया कि अदालत के फैसले की प्रकृति के बावजूद, न तो जूनूनी जश्न (अत्यधिक उत्सव) होना चाहिए और न ही हार का हंगामा. राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर यह बैठक हुई. सीजेआई की अगुवाई में पांच जजों वाली संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को मैराथन 40 दिनों की सुनवाई के बाद अयोध्या भूमि विवाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
अयोध्या में लोगों ने उठाए ये कदम
अयोध्या में फैसला आने से पहले लोग बड़े कदम उठा रहे हैं. लोगों ने फैसला आने से पहले ही राशन जमा करना शुरु कर दिया है. फैसला आने के बाद हंगामें के आसार देखते हुए अयोध्या में रहने वाले लोगों ने घरों में राशन भरना शुरू कर दिया है. इसके अलावा कुछ लोग फैसले से पहले चुप-चाप अयोध्या छोड़ रहे हैं. लोगों ने इलाके को छो़ॉकर किसी और सुरक्षित इलाके में रहना उचित समझा है. कुछ ने अपने घरों की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है. लोगों ने अपने घरों में होने वाली शादियों या फंक्शन को रद्द कर दिया है या अयोध्या से बाहर कार्यक्रम आयोजित किया है.
पुलिस ने भी उठाए कदम
उत्तर प्रदेश पुलिस और सुरक्षाबलों ने भी फैसला आने से पहले कुछ कदम उठाए हैं. दरअसल अयोध्या मामले में संभावित फैसले से पहले अंबेडकर नगर जिले में विभिन्न कॉलेजों में आठ अस्थायी जेल स्थापित की गईं.
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