नई दिल्ली : 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है जहां मणिपुर मामले को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. संसद की कार्यवाही पर मणिपुर हिंसा के मुद्दे का असर पड़ता साफ़ दिखाई दे रहा है. पिछले चार दिनों से संसद की कार्यवाही इसी हंगामे की भेंट चढ़ी […]
नई दिल्ली : 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है जहां मणिपुर मामले को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. संसद की कार्यवाही पर मणिपुर हिंसा के मुद्दे का असर पड़ता साफ़ दिखाई दे रहा है. पिछले चार दिनों से संसद की कार्यवाही इसी हंगामे की भेंट चढ़ी है. पांचवे दिन यानी बुधवार को संसद में विपक्ष की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लाया गया है. इस प्रस्ताव के पाद सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का 4 साल पूराना वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो 2018 का है जिसमें पीएम मोदी कह रहे है कि विपक्ष की तरफ से 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.
https://twitter.com/AkshitBaru/status/1683904249116393472?s=20
मणिपुर मामले पर विपक्ष पीएम मोदी पर लगातार हमला बोल रहा है. जब से संसद का सत्र शुरू हुआ है उसी के बाद विपक्ष पीएम बोल रहा है. विपक्ष के नेताओं का कहना है कि मणिपुर मामले में पीएम मोदी संसद में आकर बयान दे. 2018 में तेलुगु देशम पार्टी लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी. पीएम ने उसी समय कहा था कि विपक्ष 2023 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी उनकी ये बात आज सही हो गई. 2018 के अविश्वास प्रस्ताव में एनडीए को 314 वोट मिले थे.
2018 में पीएम मोदी ने कहा था कि मैं आप को शुभकामना देता हूं कि आप अच्छी तरह से तैयारी करे 2023 में आप को फिर अविश्वास प्रस्ताव लाना का मौका मिलेगा. उस समय पीएम मोदी के इस भविष्यवाणी के बाद विपक्ष ने खूब हंगामा किया था. विपक्षी दलों ने उनके इस बयान को पीएम मोदी का अहंकार बताया था. उन्होंने कहा था कि अहंकार का परिणाम है कि कांग्रेस 400 से 40 पर पहुंच गई है. ये हमारा देश के लिए समर्पण और सेवा भाव की नीति है कि हम 2 से यहां तक पहुंच गए है.
Parliament Monsoon Session : संसद में गतिरोध के मुद्दे पर खरगे ने शाह को लिखा पत्र