नई दिल्ली। COVID वैक्सीन के लिए जारी किए गए CoWIN सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इसे कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स वाले न्यूज़ से जोड़ दिया। यूजर्स का कहना है कि कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स वाली न्यूज़ की वजह से CoWIN सर्टिफिकेट से […]
नई दिल्ली। COVID वैक्सीन के लिए जारी किए गए CoWIN सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इसे कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स वाले न्यूज़ से जोड़ दिया। यूजर्स का कहना है कि कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स वाली न्यूज़ की वजह से CoWIN सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटा ली गई है। हालांकि इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ और वजह बताई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 2024 लोकसभा चुनाव की वजह से आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण वैक्सीन सर्टिफिकेट में बदलाव किया गया है। जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर हटा ली गई है। बता दें कि कोरोना के समय में लगाई गई कोविड वैक्सीन को लेकर अब पुष्टि हो गई कि इसके दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) को लेकर कंपनी ने यूके यानी यूनाइटेड किंगडम हाईकोर्ट में कबूल किया है कि इसके दुर्लभ साइड इफेक्ट्स भी हैं।
कंपनी ने अदालती दस्तावेजों में पहली बार कबूला है कि कोविड-19 वैक्सीन से TTS जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। मालूम हो कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को भारत समेत कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सज़ेवरिया ब्रांड नामों से बेचा गया था।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस शरीर में खून के थक्के जमने का कारण बनती है। शरीर में ब्लड क्लॉट बनने की वजह से व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट होने की सम्भनाएं बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या भी गिरती है।
एस्ट्राजेनेका कंपनी क्लास-एक्शन मुकदमे का सामना कर रही है। जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने इसे दायर किया है, वो यह वैक्सीन लेने के बाद ब्रेन डैमेज का शिकार हुए थे। इसको लेकर कई अन्य लोगों ने भी अदालत में याचिका दायर की थी। वो कंपनी से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। बता दें कि सेफ्टी इश्यूज के कारण एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन अब यूनाइटेड किंगडम में नहीं दी जाती है।
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