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पीएम मोदी का संसद में संबोधन: महाकुंभ के जरिए विश्व ने देखा भारत का विराट स्वरूप, राष्ट्रीय चेतना के हुए दर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन पर अपने विचार साझा किए. मॉरीशस यात्रा का उल्लेख करते हुए पीएम ने बताया 'मैं त्रिवेणी का पवित्र जल मॉरीशस ले गया था. जब इसे वहां के गंगा तालाब में प्रवाहित किया गया तो आस्था का अद्भुत माहौल बना.' जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या-क्या कहा.

Pm modi in parliament
  • March 18, 2025 5:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 15 hours ago

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने इस भव्य आयोजन को भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण पड़ाव करार देते हुए कहा कि इससे पूरे विश्व ने देश के विशाल और समृद्ध स्वरूप को देखा. पीएम ने इस सफलता के लिए देशवासियों श्रद्धालुओं और कर्मयोगियों को धन्यवाद दिया साथ ही इसे सबका प्रयास का जीवंत उदाहरण बताया.

देशवासियों का योगदान

पीएम मोदी ने कहा ‘आज मैं इस सदन के माध्यम से उन सभी देशवासियों को नमन करता हूं जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन संभव हुआ. मैं विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और प्रयागराज की जनता का आभार व्यक्त करता हूं.’ उन्होंने इस आयोजन को एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि महाकुंभ से एकता का अमृत और कई अन्य प्रेरणाएं उभरी हैं. ‘लोगों ने सुविधा-असुविधा की चिंता छोड़कर इसमें हिस्सा लिया और अहम् को त्यागकर वयम् के भाव से जुड़े.

महाकुंभ सामूहिक चेतना और सामर्थ्य का प्रतीक

प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को भारत की सामूहिक चेतना और सामर्थ्य का दर्पण बताया. उन्होंने कहा ‘पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ने हमें अगले 1000 वर्षों की दिशा दिखाई. वहीं इस साल महाकुंभ ने हमारी सोच को और मजबूत किया.’

युवा पीढ़ी का जुड़ाव

पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि आज की युवा पीढ़ी महाकुंभ से पूरे उत्साह के साथ जुड़ी. ‘हमारा युवा अपनी आस्था और परंपराओं को गर्व के साथ अपना रहा है. यह भारत की सबसे बड़ी पूंजी है. उनके अनुसार पीढ़ियों से चली आ रही संस्कृति और विरासत को आगे बढ़ाने का यह सिलसिला देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.

ऐतिहासिक पलों से प्रेरणा

मोदी ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो, गांधीजी के दांडी मार्च और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के दिल्ली चलो नारे का जिक्र करते हुए कहा ‘महाकुंभ भी ऐसा ही एक ऐतिहासिक मोड़ है जिसने भारत का प्रतिबिंब दिखाया.’

मॉरीशस यात्रा और त्रिवेणी का पवित्र जल

अपनी हालिया मॉरीशस यात्रा का उल्लेख करते हुए पीएम ने बताया ‘मैं त्रिवेणी का पवित्र जल मॉरीशस ले गया था. जब इसे वहां के गंगा तालाब में प्रवाहित किया गया तो आस्था का अद्भुत माहौल बना.’ उन्होंने सुझाव दिया कि महाकुंभ से प्रेरणा लेकर नदी उत्सव की परंपरा को बढ़ावा देना चाहिए ताकि नदियों की स्वच्छता और महत्व को नई पीढ़ी समझ सके.

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