नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग बुधवार को भारत की अध्यक्षता में वर्चुअल जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा कि जी-20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में सितंबर में समूह के वार्षिक सम्मेलन में तय किए गए मुद्दों और कार्रवाई बिंदुओं को आगे बढ़ाएगा। मंत्रालय ने बताया कि इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास संघर्ष के प्रभाव पर भी चर्चा होगी।
जी-20 नेताओं के डिजिटल शिखर सम्मेलन की मेजबानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा करने से एक दिन पहले भारत ने मंगलवार को कहा कि यह बैठक दिल्ली घोषणापत्र (Delhi Declaration) के क्रियान्वयन पर चर्चा करने, महत्वपूर्ण चुनौतियों पर आपसी सहयोग बढ़ाने और वैश्विक शासन में कमियों को दूर करने का मौका देगी। शिखर सम्मेलन पर मीडिया को संबोधित करते हुए भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि 9 और 10 सितंबर को हुए शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के बाद परिस्थितियां बदली हैं। नई दिल्ली घोषणापत्र को सर्वसम्मति से स्वीकार किए जाने के बाद से विश्व ने एक के बाद एक कई घटनाएं देखी हैं और कई नई चुनौतियां दुनिया के सामने आई हैं।
विदेश मंत्रालय द्वारा कहा गया कि बैठक का मुख्य एजेंडा विकास होगा, वहीं नेता कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल शिखर सम्मेलन न केवल घोषणाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि नेताओं को उन महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचारों को साझा करने और सहयोग बढ़ाने का मौका भी देगा जिनका हम सब सामना कर रहे हैं। कांत ने कहा कि पीएम मोदी बुधवार शाम साढ़े पांच बजे से शुरू होने वाले शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
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