PM modi:पी20 सम्मेलन में बोलें पीएम मोदी, भारत दशकों से शरहद पार आतंकवाद का शिकार

नई दिल्लीः पी20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने इजरायल पर हमास के हमले की ओर परोक्ष करते हुए कहा कि आतंकवाद कहीं भी किसी भी रुप में बर्दाशत नहीं है और मानवता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में आतंकवाद की परिभाषा पर सहमति नहीं बनना दुखद है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत […]

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PM modi:पी20 सम्मेलन में बोलें पीएम मोदी, भारत दशकों से शरहद पार आतंकवाद का शिकार

Sachin Kumar

  • October 13, 2023 8:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः पी20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने इजरायल पर हमास के हमले की ओर परोक्ष करते हुए कहा कि आतंकवाद कहीं भी किसी भी रुप में बर्दाशत नहीं है और मानवता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में आतंकवाद की परिभाषा पर सहमति नहीं बनना दुखद है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत दशकों से शरहद पार आतंकवाद का शिकार रहा है। दुनिया को अब इसका अहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि शांति और भाईचारे के साथ मिलकर विश्व पर आए संकट को खत्म का करना होगा। विश्व को चुनौतियों से पार पाने के लिए लोकतांत्रिक जन – भागीदारी से बेहतर कोई दूसरा माध्यम नहीं हो सकता।

बंटी हुई दुनिया चुनौतियों का सामाधान नहीं

पीएम मोदी ने जी20 देशों के संसद के अध्यक्षों के यशोभूमी में शुरु हुए दो दिवसीय सम्मेलन पी20 के उद्घाटन को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के अलग- अलग हिस्सों में जो कुछ भी घट रहा है। उससे कोई अछूता नहीं है। इजरायल पर हुए आतंकी हमले का पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। आतंक ने हजारों निर्दोषो की जान ली है। अब दुनिया को भी अहसास हो रहा है आतंकवाद उसके लिए कितनी बड़ी चुनौती है।

ईवीएम के इस्तेमाल से पारदर्शिता बढ़ी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ईवीएम के इसतेमाल से चुनाव प्रक्रिया में पार्दर्शिता और दक्षता बढ़ी है। अब वोटो की गिनती शुरु होने के कुछ ही घंटो के भीतर नतीजें घोषीत हो जाते है। अगले साल होने जा रहे संसद के आम चुनाव में करीब एक अरब मतदाता वोट डालेंगे। प्रधानमंत्री ने पी-20 समिट में आए प्रतिनिधियों को भारत के चुनाव को देखने आने का निमंत्रण भी दिया। साथ ही पीएम मोदी ने विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फिसदी आरक्षण देने संबंधी बिल पारित अधिनियम की चर्चा करते हुए कहा कि देश के स्थानिय संस्थाओं के चुने हुए 32 लाख जन प्रतिनिधियों में आधी महिलाएं और संसदीय आरक्षण इसे आगे बढ़ाएगा।

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