PM Modi: मन की बात में बोले पीएम मोदी, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने देश को एक सूत्र में बांधा

नई दिल्लीः साल 2024 के पहले मन की बात कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस शानदार तरीके से मनाया। हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र के ये पर्व मदर […]

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PM Modi: मन की बात में बोले पीएम मोदी, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने देश को एक सूत्र में बांधा

Sachin Kumar

  • January 28, 2024 3:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्लीः साल 2024 के पहले मन की बात कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा दो दिन पहले हम सभी देशवासियों ने 75वां गणतंत्र दिवस शानदार तरीके से मनाया। हमारे संविधान को 75 साल पूरे हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र के ये पर्व मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत को और मजबूत बनाते हैं। भारत का संविधान काफी मंथन के बाद तैयार हुआ इसी लिए उसे जीवंत दस्तावेज कहा जाता है। ये खुशी की बात है कि संविधान के तीसरे अध्याय के प्रारंभ में संविधान निर्माताओं ने प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को स्थान दिया था।

महिला शक्ति का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड अद्भुत रही लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में महिला सेना को देखकर हुई। जब महिला सैनिकों की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ पर कदमताल किया, तो सभी गर्व से झूम उठे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी डेढ़ हजार बेटियों ने हिस्सा लिया। कई झांकियों में भी नारी शक्ति को दिखाया गया। पीएम मोदी ने अर्जुन अवार्ड पाने वाले खिलाड़ियों की भी सराहना की। खासकर अर्जुन अवार्ड पाने वाली 13 महिला खिलाड़ियों की पीएम मोदी ने जमकर सराहा।

पद्म सम्मान बना लोगों के लिए

पीएम मोदी ने कहा कि इस बार भी ऐसे अनेकों देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का कारनामा किया है। इन प्रेरक लोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर पूरे देश में बहुत उत्सुकता दिखी है। मीडिया की लाइमलाइट से दूर ये लोग बिना किसी चर्चा के समाज सेवा में जुटे थे। पद्म सम्मान पाने वालों में हर किसी का योगदान देशवासियों को प्रेरित करता है। पिछले एक दशक में पद्म सम्मान का पैमाना बदल चुका है। अब यह लोगों का पद्म बन चुका है। पद्म सम्मान देने की व्यवस्था में कई बदलाव हुए हैं और अब इस सम्मान के लिए लोग खुद को नामांकित कर सकते हैं।

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