September 19, 2024
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कम उम्र में चल बसे थे PM मोदी के नाना, अकेली नानी ने मां हीराबेन को पाला-पोसा

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 16, 2024, 9:18 pm IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां, हीराबेन का 30 दिसंबर 2022 को 100 साल की उम्र में निधन हो गया था । खराब तबीयत के बाद उन्हें अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। पीएम मोदी भले ही तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री और दो बार देश के प्रधानमंत्री बने हों, लेकिन उनकी मां हीराबेन हमेशा लाइमलाइट से दूर एक साधारण जीवन जीती रहीं।

हीराबेन का संघर्ष भरा जीवन

हीराबेन का जीवन संघर्षों से भरा रहा। उनका जन्म 18 जून 1923 को गुजरात के मेहसाणा जिले के विसनगर में हुआ था। वडनगर, जो पीएम मोदी का भी गृहनगर है, उनके गांव के पास ही है। हीराबेन का बचपन काफी मुश्किलों में बीता। छोटी उम्र में ही उनकी मां का देहांत हो गया था, जिसके बाद उनकी नानी और पीएम मोदी की परनानी ने उन्हें पाला था। पीएम मोदी ने खुद लिखा है कि उनकी मां ने कभी स्कूल का दरवाजा नहीं देखा, लेकिन गरीबी और अभावों को करीब से देखा।

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पीएम मोदी का परिवार

हीराबेन का विवाह दामोदर दास मूलचंद मोदी से हुआ था, जो रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे। दोनों के छह बच्चे हुए—पांच बेटे और एक बेटी। उनके बच्चों में सबसे बड़े सोमा मोदी हैं, जो स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हुए और अब एक वृद्धाश्रम चलाते हैं। दूसरे बेटे, अमृत मोदी, एक प्राइवेट कंपनी में खराद मशीन ऑपरेटर थे और रिटायरमेंट के बाद आम जीवन जी रहे हैं।

तीसरे बेटे नरेंद्र मोदी ने राजनीति और देश सेवा को अपना जीवन बना लिया। चौथे बेटे, प्रह्लाद मोदी, अहमदाबाद में किराने की दुकान और टायर शोरूम चलाते हैं। सबसे छोटे बेटे, पंकज मोदी, गांधीनगर में रहते हैं और सरकारी सेवा में थे। हीराबेन अपनी जिंदगी के अंतिम समय में पंकज मोदी के साथ ही रहीं। हीराबेन की इकलौती बेटी वासंतीबेन गृहिणी हैं।

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सार्वजनिक जीवन से दूर रहीं हीराबेन

पीएम मोदी के इतने ऊंचे पद पर होने के बावजूद हीराबेन ने हमेशा सत्ता की चकाचौंध से दूरी बनाए रखी। उन्होंने सिर्फ दो बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पहली बार तब जब नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया और अहमदाबाद में सम्मान समारोह हुआ। दूसरी बार जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

हीराबेन का जीवन सादगी, संघर्ष और पारिवारिक मूल्यों से भरा रहा, जिसने पीएम मोदी के जीवन पर भी गहरा असर डाला।

 

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